रियो ओलंपिक 2016 कई तरह के विवादों से भरा रहा। ये विवाद कहीं खिलाड़ियों से जुड़े हुए तो कहीं उनके टीम कमेटियों से। वहीं दूसरी तरफ भारतीय कुश्ती संघ की उथल-पुथल और फिर खिलाड़ियों के डोपिंग में संदिग्ध पाए जाने से भी यह प्रतियोगिता ख़ासी चर्चा में रही। लेकिन यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ क्योंकि इस फेरहिस्त में और भी कई नाम जुड़ें। ओलंपिक में जहां एक तरफ तमाम बॉक्सर पदकों के लिए जोर-आजमाइश करने में जुटे थे वहीं नामीबियाई बॉक्सर जोनास जूनियस को पुलिस ने हाउसकीपर का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में अरेस्ट किया।
इस 22 वर्षीय लाइटवेट मुक्केबाज को ओपनिंग सेरेमनी में नामीबिया के ध्वजवाहक के तौर पर चुना गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, जूनियस ने हाउसकीपर के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। पुलिस का कहना था कि बॉक्सर ने हाउसकीपर पर दबाव डालने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें सीधा अरेस्ट कर रियो के बांगू जेल में भेज दिया। पुलिस हिरासत में आने के दो दिन बाद उन्हें फ्रांस के हसन अमेजिले के खिलाफ राउंड ऑफ 32 के मुकाबले में उतरना था।
सबसे बड़ी बात यह है कि रियो ओलंपिक में नामीबियाई बॉक्सर ऐसे पहले मुक्केबाज नहीं थे जिन्हें सेक्शुअल असॉल्ट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले मोरक्को के हसन सादा को घरेलू नौकर के यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सादा पर दो घरेलू नौकरानियों से रेप की कोशिश करने का आरोप लगा था। उन्हें इस केस से कुछ दिन पहले ही अरेस्ट किया गया था। फिलहाल दोनों पर ही सुनवाई चल रही है पर माना जा रहा है कि इनके कॅरियर लगभग खत्म हैं। खास बात यह है कि दोनों ही खिलाड़ी युवा हैं। जहां जूनियस की उम्र 23 है वहीं हसन सादा की उम्र मात्र 22 साल है। ऐसे वक्त में इस तरह के इल्जामों के चलते इनका कॅरियर तो शुरु होने से पहले ही खत्म हो गया।