भारत को बल्लेबाजों की खान कहा जाता है, जिसमें कर्नल सीके नायडू से लेकर विराट कोहली के बीच भारत को कई दिग्गज बल्लेबाज मिले हैं। जिन्होंने भारत के लिए खूब रन बनाए हैं, विश्व क्रिकेट में इनकी धूम भी रही है। साल 2011 के बाद आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहला स्थान हासिल करने वाले विराट कोहली दूसरे भारतीय बल्लेबाज बने हैं। आखिरी बार भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर आखिरी बार टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज हुए थे। हालांकि आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले विराट कोहली सातवें भारतीय खिलाड़ी बने हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में भारत के सिर्फ सात बल्लेबाज ही इस सम्मान को हासिल करने में सफल हुए हैं, देखें इन दिग्गजों की ये खास लिस्टः
गौतम गंभीर भारत के पांचवें बल्लेबाज थे, जो आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में साल 2009 में 886 रेटिंग अंकों के साथ नंबर बने थे।
गौतम गंभीर
विराट कोहली भारत के सातवें बल्लेबाज हैं, जिन्होंने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में चोटी का स्थान हासिल किया था। इसके अलावा विराट कोहली 934 रेटिंग अंक के साथ इस स्थान पर कब्जा किया है।
विराट कोहली
सन् 1979 में सुनील गावस्कर ने 916 रेटिंग अंक के साथ आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया था। 10 हजार रन और 30 से ज्यादा शतक ठोंकने वाले गावस्कर दुनिया के पहले बल्लेबाज थे। भारत के इस महान बल्लेबाज ने दुनिया की सबसे खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण का सामना किया था।
सुनील गावस्कर
वीरेंदर सहवाग साल 2010 में 866 रेटिंग अंकों के साथ आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर काबिज हुए थे। सहवाग एकमात्र भारतीय बल्लेबाज हैं, जिनके नाम दो तिहरा शतक दर्ज हैं।
वीरेंदर सहवाग
भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज राहुल द्रविड़ सन् 1998 में आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज हो गये थे। लेकिन साल 2005 में 892 रेटिंग अंक के साथ वह 6 महीने, 35 टेस्ट मैचों तक नंबर बने रहे थे।
राहुल द्रविड़
भारत और दुनिया के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक सचिन तेंदुलकर ने सन् 1989 से अपना टेस्ट क्रिकेट करियर शुरु किया और 1157 दिनों के बाद 898 रेटिंग अंकों के साथ आईसीसी टेस्ट रैंकिंग के शीर्ष पर कब्जा जमाया। इसके अलावा सचिन आखिरी बार साल 2011 में दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज बने थे।
सचिन तेंदुलकर
सन् 1988 में न्यूजीलैंड के खिलाफ दिलीप वेंगसरकर ने 837 रेटिंग अंक के साथ आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया था। वह भारत के दूसरे ऐसे बल्लेबाज थे, जिन्होंने ये उपलब्धि हासिल की थी।
दिलीप वेंगसरकर