2007 टी-20 विश्वकप में भारत ने इंग्लैण्ड को जिस तरह धोया था, वो क्रिकेट फैन्स को आज भी याद है। युवराज सिंह के छह छक्के भला कौन भूल सकता है। 2012 में एक बार फिर टी-20 विश्वकप में भारत-इंग्लैण्ड आमने-सामने आए..और नतीजा फिर वही रहा।
कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम पर भारत ने पहले बैटिंग की। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इरफान पठान से ओपनिंग कराई, पर ये दांव फ्लॉप रहा। पठान आठ रन बनाकर चलते बने। लेकिन दिल्ली के दो दिलेर बल्लेबाज, गौतम गंभीर और विराट कोहली ने पारी को संभाल लिया। गंभीर ने 45, तो कोहली ने 40 रन बनाए। इन दोनों के बाद रोहित शर्मा ने 33 बॉल पर धुआंधार 55 रन ठोक टीम का स्कोर 170 तक पहुंचा दिया। इस टारगेट के जवाब में इंग्लैण्ड से भी अच्छे रिस्पॉन्स की आस थी। लेकिन हरभजन सिंह को ये मंजूर नहीं था।
पहले ही ओवर में इरफान ने हेल्स को बोल्ड कर विकेट उखाड़ने का सिलसिला चालू किया, जिसे इंडियन स्पिनर्स ने अंत तक जारी रखा। इरफान और पीयूष चावला ने दो-दो विकेट लिए, पर भज्जी ने तो इंग्लिश बल्लेबाजी के धुर्रे ही बिखेर दिए। इयान मॉर्गन, जोस बटलर, टिम ब्रेसनन और ग्रीम स्वान को हरभजन ने पवेलियन की राह दिखाई। हरभजन के 4-2-12-4 के जादूई स्पेल ने इंग्लैण्ड का पुलिंदा 14.4 ओवर में 80 रन पर ही बांध दिया। भारत ने 90 रन की बड़ी जीत दर्ज की और हरभजन सिंह मैन ऑफ द मैच बने।