किसी भी खिताब को जीतना जितना मुश्किल होता है, उससे भी कहीं ज्यादा चुनौती भरा होता है उस खिताब को बरकरार रखना। आईपीएल-3 का खिताब अपने नाम करने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए आईपीएल-4 में चुनौती और भी कड़ी थी। इस बार खिताब बचाने की बारी थी। लेकिन अपने आक्रामक खेल और परिस्थितियों को पढ़कर खेलने की काबिलियत के दम पर चेन्नई ने टाइटल सफलतापूर्वक डिफेंड किया।
चेन्नई के चिदंबरम स्टेडियम पर हुए फाइनल मुकाबले में चेन्नई के सामने रॉयल चैलेंजर्स बैंग्लोर की चुनौती थी। आरसीबी यहां तक अपने जूझने के जज्बे के दम पर पहुंची थी। साथ ही क्रिस गेल की जोरदार फॉर्म का जवाब भी अब तक कोई टीम पेश नहीं कर पाई थी। फाइनल में चेन्नई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के इस फैसले को माइक हसी और मुरली विजय ने सौ फीसदी सही साबित कर दिया। दोनों ने फाइनल का धमाकेदार आगाज किया। विजय ने श्रीनाथ अरविंद और हसी ने जहीर खान की बॉल पर छक्का उड़ाकर अपने इरादे जाहिर किए। पावरप्ले में बिना कोई जोखिम लिए दोनों ने 56 रन जोड़ लिए। कप्तान डेनियल विटोरी भी दोनों को रोकने में नाकाम रहे। विजय ने 29 बॉल पर अपने पचास रन पूरे किए। अरविंद के ओवर में विजय ने फिर दो लंबे छक्के और विटोरी को दौ चौके मारे। दूसरे छोर पर हसी ने भी विजय का पूरा साथ दिया। 40 बॉल पर पचासा पूरा करने के बाद हसी ने सैयद मोहम्मद की गेंद पर लंबा छक्का मारा, लेकिन इसी ओवर में कैच आउट हो गए। बेंगलूरु को 15वें ओवर में 159 रन खर्च करने के बाद पहली सफलता मिली। हसी 45 बॉल पर 63 रन बनाकर आउट हुए। विजय की जोरदार बैटिंग जारी रही और वो शतक के करीब पहुंच गए। नंबर तीन पर उतरे कप्तान धोनी ने गेल के ओवर में डीप स्क्वायर लेग और लॉन्ग ऑन पर दो लंबे छक्के उड़ा दिए। 19वें ओवर में श्रीनाथ अरविंद ने लगातार दो गेंदों पर विजय (95 रन, 52 बॉल, 4 चौके, 6 छक्के) और धोनी (22 रन, 13 बॉल) के विकेट चटकाए, लेकिन तब तक चेन्नई का विशाल स्कोर बनाना तय हो चुका था। आखिर चेन्नई ने 20 ओवर में 205 रन का स्कोर खड़ा किया।
फाइनल मुकाबले में इतना बड़ा टारगेट हासिल करना बेहद चुनौती भरा था। चेन्नई के ट्रंपकार्ड आर अश्विन ने आरसीबी के लिए ये काम और भी मुश्किल कर दिया। 206 रन बनाने के लिए आरसीबी जबरदस्त फॉर्म में चल रहे क्रिस गेल पर निर्भर थी। लेकिन पहले ही ओवर में अश्विन ने गेल को बिना खाता खोले पवेलियन भेज दिया। आरसीबी की आधी उम्मीदें यहीं खत्म हो गईं। जल्द ही अश्विन ने मयंक अग्रवाल (10) को भी चलता कर दिया। विराट कोहली (35) ने नजरें जमाईं पर रैना ने उन्हें बड़ी पारी नहीं खेलने दी और चलता कर दिया। आरसीबी का कोई बल्लेबाज बड़ा धमाका नहीं कर सका। सौरव तिवारी के नाबाद 42 रन नाकाफी रहे और पूरी टीम 147 रन तक ही पहुंच सकी।
चेन्नई ने 58 रन से मैच जीता और आईपीएल-4 का खिताब अपने नाम किया। आईपीएल का खिताब जीतने के बाद इसे बरकरार रखने वाली चेन्नई एकलौती टीम बनी। फाइनल में शानदार बल्लेबाजी के लिए मुरली विजय मैन ऑफ द मैच बने। क्रिस गेल मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे।