किंग्स इलेवन पंजाब टीम के लिए आईपीएल के पहले छह सीजन किसी बुरे सपने से कम नहीं रहे। टीम खिताब से तो दूर रही ही, लेकिन प्रदर्शन भी दोयम दर्जे का रहा। इसके अलावा कई विवाद भी टीम से जुड़ते रहे। अब साल 2014 में इस टीम को कुछ कर दिखाने का दबाव था। इस दबाव से पार पाते हुए पंजाब टीम सातवें सीजन में डेविड मिलर, ग्लेन मैक्सवेल, जॉर्ज बेली, अक्षर पटेल, वीरेंद्र सहवाग के जोरदार प्रदर्शन के दम पर क्वालीफायर तक पहुँच गई। यहां पंजाब का मुकाबला हुआ हरफनमौला चेन्नई सुपरकिंग्स से। टॉस जीतकर चेन्नई ने पहले पंजाब को बल्लेबाजी पर उतारा।
महेंद्र सिंह धोनी के इस फैसले को किंग्स इलेवन के सिर्फ एक खिलाड़ी ने गलत साबित कर दिया। वो रहे वीरेंद्र सहवाग। जब सहवाग का बल्ला चले, तो विरोधी टीम के पास करने को ज्यादा कुछ बचता ही नहीं। उस दिन भी कुछ ऐसा ही हुआ। सात चौके-दो छक्के की मदद से 21 बॉल पर 50 रन और 10 चौके-छह छक्के की मदद से 50 बॉल पर 100 रन। ये रहा सहवाग का चेन्नई के गेंदबाजों पर कहर। सहवाग ने नेहरा के ओवर में लगातार दो चौके जड़े, अश्विन-जडेजा को लंबे-लंबे छक्के मारे। नेहरा अगला ओवर लेकर आए, तो वीरू ने लगातार दो छक्के लगाए। जडेजा के ओवर में 18 रन ठोके। 19वें ओवर में सहवाग (122 रन, 58 बॉल) आउट हुए, तो किंग्स का स्कोर 211 रन तक पहुंच चुका था। आखिर 20 ओवर में पंजाब ने 226 रन का भारी-भरकम स्कोर खड़ा कर दिया।
चेन्नई के ओपनर ड्वेन स्मिथ सात रन और फाफ डूप्लेसिस जीरो पर आउट हुए। लेकिन मैच में रोमांच अभी बाकी था, क्योंकि लिमिटेड ओवर के खतरनाक खिलाड़ी में से एक सुरेश रैना अभी क्रीज पर थे। रैना ने मानो सहवाग से भी तेज खेलने की ठान ली। रैना ने अपनी पहली ही गेंद पर चौका जड़ा और फिर रुके ही नहीं। अगले ही ओवर में तीन चौके और एक छक्का लगाया। मिचेल जॉनसन के ओवर में एक चौका और दो छक्के मारे। संदीप शर्मा की बॉल पर छक्का जड़ रैना ने 16 बॉल पर पचासा ठोक दिया। परविंदर अवाना के एक ओवर में 33 रन (6,6,4,4,4,4,4) जड़कर रनसैलाब ला दिया। रैना के आगे किंग्स का 226 का स्कोर भी बौना नजर आने लगा। चेन्नई अचानक हावी हो गया, लेकिन तभी रैना, ब्रैंडन मैक्कुलम के साथ गफलत का शिकार होकर रनआउट हो गए। बस यही मैच का टर्निंग पाइंट साबित हुआ। रैना (87 रन, 25 बॉल) ने 348 के रिकॉर्ड स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
रैना के जाते ही चेन्नई के लिए लक्ष्य दूर होता गया। कप्तान धोनी (42 रन, 31 गेंद) ने कोशिश की, पर कोई और बल्लेबाज साथ नहीं दे सका। चेन्नई का स्कोर 202 रन तक पहुंचा और 24 रन से हार का सामना करना पड़ा। इसी जीत के साथ किंग्स इलेवन ने पहली बार आईपीएल फाइनल में जगह बनाई।