1996 विश्वकप भले ही भारत की झोली में नहीं आया था लेकिन भारत का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में अच्छा रहा था। लीग राउंड में जब टीम इंडिया का सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ तो भी टीम ने दमदार खेल दिखाया पर महज 16 रन से जीत से चूक गई। ग्रुप ए के लीग मैच में ऑस्ट्रेलिया ने वानखेड़े पर टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया। मार्क वॉ और कैप्टन मार्क टेलर ने जबदस्त ओपनिंग की और पहले विकेट के लिए 103 रन जोड़ दिए। टेलर 59 रन बनाकर आउट हुए, जबकि वॉ ने शानदार 126 रन की पारी खेली। इन दोनों को आउट करने के बाद भारत ने मैच में वापसी की कोशिश की। सात कंगारू बल्लेबाजों को दहाई का आंकड़ा भी नहीं छूने दिया। फिर भी ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 258 रन तक पहुंच गया। ये लक्ष्य भारत की पहुंच में था, पर टॉप ऑर्डर ने खेल बिगाड़ दिया। ओपनिंग करने उतरे अजय जडेजा 1, विनोद कांबली 0 और कप्तान अजहर 10 रन बनाकर चलते बने। ऐसे में सचिन तेंदुलकर ने फिर मैदान संभाल लिया। मैक्ग्रा, फ्लेमिंग, वार्न की गेंदों पर सचिन ने जोरदार स्ट्रोक प्ले दिखाया। बेधड़क बल्लेबाजी करते हुए तेंदुलकर ने 84 गेंदों पर 14 चौके और एक छक्के की मदद से 90 रन ठोक दिए।
143 के स्कोर पर सचिन का विकेट गिरा और इसके बाद कोई बल्लेबाज टीम को मंजिल तक ले जाने का दम नहीं दिखा सका। टीम इंडिया 242 पर ऑलआउट हो गई। सचिन के मास्टर पीस के बाद भी टीम ऐतिहासिक जीत से 16 रन से चूक गई।