टीम इंडिया के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले आज 48 वर्ष के हो गए हैं। ऐसे में कुंबले के क्रिकेट करियर से जुड़े एक यादगार लम्हें पर नज़र डालते हैं।
दिल्ली के फिरोजशाह कोटला और अनिल कुंबले की यारी किसी से छिपी नहीं है। वही मैदान, जहां 1999 में जंबो ने पाकिस्तान के पूरे दस विकेट उखाड़कर इतिहास बनाया था। नवंबर 2007 में एक बार फिर कोटला, कुंबले और पाकिस्तान मिले। इस बार टीम की कमान भी कुंबले के ही हाथ में थी। कुंबले ने गेंदबाज़ और कप्तान, दोनों ही रोल में निराश नहीं किया।
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की, लेकिन कुंबले की अगुवाई में भारतीय गेंदबाज़ी ने पूरी टीम को 231 पर समेट दिया। पिच पहले दिन टर्न नहीं ले रही थी, लेकिन फ्लाइट और वैरायटी के दम पर कुंबले ने चार विकेट लिए। भारत ने पहली पारी में 276 रन किए और इस तरह से 45 रन की लीड ली। दूसरी पारी में पाक को कम स्कोर पर रोकने की चुनौती थी, क्योंकि चौथी पारी में बड़ा स्कोर चेज करना मुश्किल होता।
जंबो ने फिर जलवा दिखाया। तीन विकेट झटके, वो भी पाक के टॉप-थ्री बैट्समैन..सलमान बट्ट , यासिर हमीद और यूनुस खान। भारत को 203 का टारगेट मिला, जिसे चार विकेट खोकर आसानी से हासिल कर लिया। कैप्टेन कुंबले का भी कमाल रहा कि सौरव गांगुली जैसे पार्टटाइम बॉलर से मैच में 23 ओवर कराए, दादा ने भी तीन विकेट उखाड़े। चौथी पारी में भी कुंबले की आक्रामक कप्तानी दिखी। टीम इंडिया को सीरीज में 1-0 की लीड मिली और कुंबले बने मैन ऑफ द मैच।