सौरव गांगुली का शुमार विश्व क्रिकेट के बेहतरीन बल्लेबाजों में किया जाता है। लेकिन कई मौकों पर गांगुली ने गेंद से भी टीम को कई अहम योगदान दिए हैं। सौरव का गेंद से बेस्ट परफॉर्मेंस आया 1997 में पाकिस्तान के खिलाफ। फ्रेंडशिप कप के तीसरे वनडे में पाक ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी पर उतारा।
पाक कप्तान रमीज राजा का ये फैसला सही साबित हुआ और 12 के स्कोर पर ही पाक को पहली सफलता मिल गई। सौरव गांगुली 20 गेंदों पर 2 रन बनाकर आउट हो गए। बेहद धीमी बल्लेबाजी और लगातार विकेट गिरने का ये सिलसिला जारी रहा और भारतीय टीम 50 ओवर में 180 रन ही जुटा सकी। सिर्फ मोहम्मद अजहरुद्दीन (67 रन) ही कुछ अच्छा कर सके। पाक की अच्छी बैटिंग लाइनअप के सामने ये स्कोर बचा पाना काफी मुश्किल था। सईद अनवर और शाहिद आफरीदी ने 52 रन की तेज शुरुआत देकर भारत को और मुश्किल में डाल दिया। एक वक्त में पाकिस्तान 3 विकेट के नुकसान पर 103 रन बनाकर आसानी से जीत की ओर बढ़ रहा था। तभी कप्तान सचिन तेंदुलकर ने गेंद सौरव गांगुली को थमा दी। ये मास्टर स्ट्रोक साबित हुआ।
सौरव ने पहले सलीम मलिक को सचिन के हाथों कैच कराया, फिर इसी स्कोर पर हसन राजा को अजय जडेजा के हाथों लपकवाया। पाक इन झटकों से उबर पाता, इससे पहले ही सौरव ने एजाज अहमद और मोइन खान के अहम विकेट चटका दिए। मैच भारत की पकड़ में आ चुका था। सौरव ने जल्द ही आकिब जावेद को चलता कर भारत की जीत पर मुहर लगा दी। पाक की पारी 148 रन पर सिमट गई।
सौरव के 10-3-16-5 के स्पेल की बदौलत भारत ने छोटा स्कोर भी डिफेंड कर लिया। पूरे करियर में सौरव का ये बेस्ट बॉलिंग फिगर रहा। इस शानदार परफॉर्मेंस के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।