इंटरनेशनल क्रिकेट में भाईयों की बहुत सी जोड़ियों ने एक साथ क्रिकेट खेला। स्टीव वॉ- मार्क वॉ, एंडी फ्लावर- ग्रांट फ्लावर, मिशेल मार्श- शॉन मार्श जैसे कुछ नाम तुरंत ज़हन में आते हैं। भारत के लिए भी पठान बंधुओं युसूफ और इरफान पठान ने प्रतिनिधित्व किया। इरफान पठान को ज्यादा सफलता मिली तो युसूफ भी बहुत पीछे नहीं रहे। दोनों एक दूसरे से कई मायनों में अगल थे। इरफान बाएं हाथ से बल्लेबाजी और गेंदबाजी करते थे तो युसूफ दाएं हाथ के बल्लेबाज और गेंदबाज थे। एक गेंदबाज के तौर पर ज्यादा जाना गया तो एक की छवि विस्फोटक बल्लेबाज की रही। मगर इन भिन्नताओं के बीच भी दोनों में एक बात ऐसी भी है जो कॉमन है और ये ऐसा ही कि शायद ही किसी और भाईयों की जोड़ी ने ये कारनामा अंजाम दिया।
इरफान और युसूफ ऐसे भाई हैं जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में जब भी शतक जमाया छक्का जमाकर शतक पूरा किया। इन दोनों भाईयों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 3 शतक जमाए हैं और तीनों ही शतक छक्के से पूरे किये गए हैं। इस सिलसिले की शुरूआत इरफान पठान ने की। पठान ने 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ बैंगलोर में खेले गए टेस्ट मैच में अपने टेस्ट करियर का एकलौता शतक पूरा किया। इस मैच में इरफान ने 96 के स्कोर पर पाकिस्तान के स्पिनर दानिश कनेरिया की गेंद पर छक्का जड़कर अपना शतक पूरा किया। इरफान के बाद उनके भाई युसूफ ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया। 7 दिसंबर 2010 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में उन्होंने शानदार शतक जमाकर भारतीय टीम को जीत दिलाई। इस मैच में युसूफ ने भी 98 के स्कोर पर एंडी मकॉय की गेंद पर छक्का जड़कर अपना पहला वनडे शतक पूरा किया। 23 जनवरी 2011 में युसूफ ने वही कारनामा एक बार फिर से अंजाम दिया। इस बार विरोधी टीम थी साउथ अफ्रीका। सेंचुरियन में खेले गए इस मुकाबले में उन्होंने विस्फोटक बल्लेबाजी करते हुए मात्र 70 गेंदों पर 105 रन ठोंक दिये।
इस मैच में भी युसूफ ने 95 के स्कोर पर छक्का जमाकर अपना शतक पूरा किया। हालांकि इस बार वो भारत को जीत नहीं दिला सके और टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। फिलहाल दोनों भाई टीम इंडिया से बाहर हैं लेकिन दोनों ही क्रिकेट खेल रहे हैं और दोनों को उम्मीद है कि वह टीम में दोबारा अपनी जगह बना लेंगे। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या दोनों अपने छक्के के इस शानदार सिलसिले को जारी रख पाएंगे या नहीं।