क्रिकेट के मैदान पर जब भी भारत और पाकिस्तान की भिड़ंत होती है कुछ ना कुछ अजीब वाकया जरूर होता है। ये दोनों ही टीमें एक दूसरे से हार नहीं मानना चाहती और दोनों में खुद को बेहतर साबित करने की होड़ सी लगी रहती है। 1992 विश्व कप के दौरान भारत और पाकिस्तान की टीमें एक बार फिर से आमने सामने थी। इस मैच में जावेद मियांदाद ने कुछ ऐसी हरकत की जो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गई। जब भी क्रिकेट में रोचक घटनाओं का जिक्र होता है इस वाकये का जिक्र जरूर होता है।
1992 विश्व कप में भारत और पाकिस्तान सिडनी के मैदान में खेल रहे थे। विश्व कप इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा था जब भारत और पाकिस्तान आमने सामने थी। भारत ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए सचिन तेंदुलकर और अजय जडेजा की बेहतरीन पारियों की बदौलत 216 रन बनाए। इसके जवाब में पाकिस्तान की शुरूआत बेहद खराब रही और उसने अपने दो विकेट जल्दी ही गंवा दिये। लेकिन इसके बाद आमिर सोहेल और जावेद मियांदाद ने पाक पारी को संभालते हुए साझेदारी बनाना शुरू किया।
बड़ी साझेदारी बनता देख विकेटकीपर किरण मोरे ने मियांदाद का ध्यान भंग करने की रणनीति अपनाई और लगातार अपील पर अपील करने लगे। मोरे के बार-बार अपील करने से मियांदाद ने अपना आपा खो दिया और ऐसी हरकत कर बैठे जिसके बाद मैदान में मौजूद हर शख्स अपनी हंसी नहीं रोक सका। हालांकि मियांदाद ने यह गुस्से में किया था। बार बार अपील करने से परेशान मियांदाद ने गेंदबाज को गेंद करने से रोक कर मोरे की ओर देखते हुए बल्ले को उपर उठाकर बंदर की तरह उछलने लगे।
मोरे की रणनीति सफल हुई और थोड़ी देर के बाद मियांदाद अपना विकेट गंवा बैठे, उन्हें जवागल श्रीनाथ ने बोल्ड किया। भारत ने यह मैच 43 रनों से जीत लिया। मगर ये वाकया इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया।