झारखंड की राजधानी रांची में गुरुवार को पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा। जेएससीए स्टेडियम नया-नवेला है। अब तक पांच मैच खेले गए हैं, सभी लिमिटेड ओवर। लेकिन इस बार चुनौती अलग है। मैच पांच दिन का होगा। जाहिर सी बात है कि झारखंड की काली मिट्टी से बनी इस पिच पर सबकी निगाहें हैं। उम्मीद है कि रांची में गेंद-बल्ले के बीच ‘फेयरप्ले’ देखने को मिलेगा।
क्यों टिकी हैं रांची पर नजरें?
जेएससीए स्टेडियम पर पहली बार टेस्ट मैच खेला जा रहा है। इस वजह से कोई भी अभी ये बताने की स्थिति में नहीं है कि पिच पांच दिन तक कैसा बर्ताव करेगी। सीरीज के पहले दो मैच में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने पिच का मुद्दा उछाला। ऐसे में अब रांची की पिच पर इंटरनेशनल क्रिकेट फैन्स की निगाहें हैं। आखिरी और अहम बात है एमएस धोनी फैक्टर। भारतीय प्रशंसकों को उम्मीद है कि धोनी के होमटाउन में पिच भारतीय स्पिनर्स को मदद करेगी। धोनी ने कुछ दिन पहले खुद भी पिच का मुआयना किया था। वो पिच की बनावट पर नजर रखे हुए हैं। ये बात पिच को खास बना रही है।
पिछला रिकॉर्ड
कुल मैच |
05 (04 वनडे, 01 टी-20) |
भारत जीता |
03 (02 वनडे, 01 टी-20) |
सर्वाधिक स्कोर |
288-7 (भारत बनाम श्रीलंका) |
सफल बल्लेबाज |
विराट कोहली (03 पारी, 261 रन) |
सफल गेंदबाज |
आर अश्विन (05 मैच, 09 विकेट) |
स्पिनर्स का प्रदर्शन |
कुल 68 में से 30 विकेट |
रांची में हुए मुकाबलों में से ज्यादातर हाई स्कोरिंग नहीं रहे हैं। हाईएस्ट स्कोर 288 रन है, जो भारत ने श्रीलंका के खिलाफ बनाया था। इन मुकाबलों में स्पिनर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है और 45 प्रतिशत विकेट अपने नाम किए हैं। भारत के लिए सुकून की बात है कि अश्विन का जलवा यहां चला है। बल्लेबाजी में कप्तान विराट कोहली सबसे आगे हैं। इन आंकड़ों की मानें तो गेंद-बल्ले के बीच संतुलित मुकाबला देखने को मिल सकता है। बहरहाल ऑस्ट्रेलिया ने यहां अब तक एक मैच भी नहीं खेला है।
पिच की बनावट
पिच क्यूरेटर एसबी सिंह बता चुके हैं कि पिच को बनाने में काली मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है। इसी वजह से ये काली नजर आ रही है। सिंह को यकीन है कि पिच पांच दिन तक टिकेगी और गेंदबाज-बल्लेबाज दोनों को मदद देगी। हालांकि मैच बढ़ने के साथ-साथ पिच की मिट्टी टूटेगी, लेकिन ये खेलने के लिए माकूल बनी रहेगी। साफ है कि पहले दिन से न सही, तो मैच बढ़ने के साथ-साथ पिच स्पिनर्स को मदद जरूर देगी।