भारत और बांग्लादेश के वनडे रिकॉर्ड आपसे चीख-चीख कर कहते हैं कि बांग्लादेश टीम भारत के सामने बेहद कमज़ोर रही है। चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भारत के सामने एक बार फिर बांग्लादेश है, लेकिन 15 जून को बर्मिंघम में खेले जाने वाले इस मैच के लिए भारतीय टीम के पुराने प्रदर्शन का कोई महत्व नहीं। भले ही टीम इंडिया ने बांग्लादेश को कई बार पटखनी दी हो, लेकिन यह नया मैच होगा और विराट कोहली एंड कंपनी को पुरानी सफलताओं से बाहर आकर जीत की इबारत लिखनी होगी।
भारत बांग्लादेश का मैच हो और 2007 के वर्ल्डकप का जिक्र न हो, यह हो नहीं सकता। बांग्लादेश ने 2007 के वर्ल्ड कप में भारत को न केवल हराया था, बल्कि भारत को टूर्नामेंट से बाहर भी होना पड़ा था। यह भारत के लिए करारा झटका था। इस हार के बाद भारत का बांग्लादेश के खिलाफ लंबा ‘रिवेंज’ चला और भारतीय खिलाड़ियों ने टारगेट बना बनाकर बांग्लादेश का शिकार किया, लेकिन 2007 की ‘उस हार’ का दर्द आज भी सालता है।
चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के दूसरे सेमीफाइनल में भारतीय टीम अगर आत्मविश्वास से उतरेगी तो बांग्लादेश भी तैयार है। इस बार बांग्लादेश के खिलाड़ी कमज़ोर मज़बूत के केलकुलेशन में न पड़कर सिचुएशन के हिसाब से गेम में जाने की तैयारी कर रहे हैं। जैसा कि न्यूजीलैंड पर जीत के बाद शकीबल अल हसन और महमुदुल्लाह ने कहा भी था कि वो ओवर दर ओवर मैच में बढ़ने की योजना से खेल रहे थे। इंग्लैंड के अच्छे बल्लेबजी विकेट पर बांग्लादेश की यह योजना काम कर गई और उन्होंने न्यूजीलैंड को हरा दिया।
भारत के खिलाफ शकीब और महमुदुल्लाह की इस हिट योजना को दूसरे बांग्लादेशी खिलाड़ी भी अपना सकते हैं। चैंपियंस ट्रॉफी के अपने पहले मैच में बांग्लादेश इंग्लैंड के खिलाफ 300 रन बनाने के बाद भी भले हार गई हो लेकिन इससे उनके गेंदबाजों का ऐसी पिचों के डोन्ट्स के बारे में अच्छा सबक मिला होगा। भारत के खिलाफ बांग्लादेशी गेंदबाज़ क्या करना है के बजाए क्या नहीं करना है की योजना से उतर सकते हैं।
बांग्लादेश को मालूम है कि वो वनडे की अव्वल दर्जे की टीम के खिलाफ उतर रहे हैं इसलिए उनकी योजना कुछ अलग हो सकती है, क्योंकि उन्होंने अपने सरप्राइज़ एलिमेंट से पहले भी बड़ी टीमों को चौंकाया है। भारतीय टीम फॉर्म में है और इस मैच की बहुत प्रबल दावेदार, लेकिन बांग्लादेश को जोश और उसकी जल्दी सीखने की कला इस मुकाबले को दिलचस्प बना देगी।