चैंपियंस ट्रॉफी के सेमी-फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश को 9 विकेट से करारी मात देते हुए टीम इंडिया ने फाइनल में अपनी जगह बना ली। अब 18 जून को लंदन के ओवल मैदान पर भारत का फाइनल में सामना चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ होना है। दूसरे सेमीफाइनल में बांग्लादेश के 265 रन के लक्ष्य को रोहित शर्मा और विराट कोहली की शानदार पारियों की बदौलत टीम इंडिया ने 9.5 ओवर शेष रहते ही हासिल कर लिया। इस मैच में शानदार गेंदबाज़ी करते हुए टीम इंडिया ने बांग्लादेश के स्कोर को 264 रनों पर ही रोक दिया। मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कप्तान विराट कोहली ने कहा गेम को पलटने वाला निर्णय जिसमें हमने केदार जाधव से गेंदबाजी कराने का फैसला किया वह संयुक्त रूप से मैंने और एमएस धोनी ने लिया था।
गौरतलब है कि सेमी-फाइनल मुकाबले में एक समय ऐसा लग रहा था कि बांग्लादेश 300 के स्कोर को पार कर लेगा। ऐसे में केदार जाधव ने बीच के ओवरों में 2 विकेट चटका कर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई। जाधव ने बड़ी चतुराई से गेंदबाज़ी करते हुए विकेट पर पैर जमा चुके तमीम इकबाल और मुशिफिकुर रहीम को आउट करके अपनी टीम को मैच में वापसी कराई। इस बारे में बात करते हुए कोहली ने कहा कि “वह उन्हें रोकना चाहते थे और केदार के द्वारा लिया गया विकेट बोनस रहा।”
कोहली ने आगे कहा, “जैसा कि हार्दिक ने अपने शुरुआती तीन ओवरों में कुछ रन दे दिए थे इस लिहाज से विकेट ईमानदारी से कहूं तो बोनस थे। हम हार्दिक को थोड़ा ब्रेक देते हुए केदार से गेंदबाजी इसलिए करवाना चाहते थे क्योंकि क्रीज पर एक बाएं हाथ का बल्लेबाज (तमीम) मौजूद था। हमें पता था कि वह बाएं हाथ के बल्लेबाज के खिलाफ एक ओवर में दो से तीन गेंद खाली निकाल सकते हैं। लेकिन उन्होंने अंततः हमारे लिए पूरा मैच ही बदल दिया।”
जाधव को गेंदबाज़ी देने के फैसले पर बात करते हुए कोहली ने कहा “हां, जब इस तरह के निर्णय कारगर साबित होते हैं तो मैं पूरा श्रेय नहीं लेता। जाहिरतौर पर, मैंने एमएस से पूछा और हम दोनों ने निश्चित किया कि केदार इस समय सबसे बढ़िया विकल्प हैं। और उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की। उन्हें श्रेय जाता है। केदार नेट में ज्यादा गेंदबाजी नहीं करते, लेकिन वह चतुर क्रिकेटर हैं। वह जानते हैं कि बल्लेबाज को कहां परेशानी होने वाली है। अगर आप गेंदबाजी करने के समय बल्लेबाज की तरह से सोचते हैं तो इसका आपको लाभ मिलता है। इसलिए मुझे लगता है कि उन्होंने अपनी योजना को सही अंदाज में लागू किया।”
अपने तेज़ गेंदबाज़ों (भुवनेश्वर और बुमराह) के बारे में कप्तान ने कहा, “वे उत्कृष्ट थे। खासतौर पर वे पिछले दो मैचों में शुरुआत में और अंत में जबरदस्त साबित हुए हैं। उनके विकेट लेने की काबिलियत से विपक्षी टीम अवगत है। इसलिए विपक्षी टीम वाले हमेशा से ही इन दोनों गेंदबाजों के खिलाफ पूरी ताकत झोंकना चाहते हैं। इनकी लेंथ श्रीलंका के खिलाफ मैच के बाद बेहतरीन रही है। वे निरंतर रहे हैं, लाइन बल्लेबाज के नजदीक, इससे हमेशा विकेट मिलने के मौके रहते हैं। यहां तक कि ऐसी परिस्थितियों में भी जहां गेंदबाजों के लिए कुछ खास न हो। इस तरह की लाइन में गेंदें फेंककर हम विकेट लेने के मौके बना सकते हैं।”