मंगलवार को अनिल कुंबले ने आनन-फानन में टीम इंडिया के कोच के पद से इस्तीफा दे दिया। फिलहाल तो टीम इंडिया वेस्टइंडीज दौरे पर बग़ैर कोच के ही गई है लेकिन अब बीसीसीआई को नए कोच की तलाश है। इसी बीच टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी मदन लाल ने सभी उम्मीदवारों को एक निजी सलाह दे डाली है। इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा “जब कोई कोच अपना पद छोड़ता है तो आने वाले नए उत्ताराधिकारी के लिए कई सबक भी छोड़कर जाता है। टीम इंडिया को एक ऐसे कोच की जरूरत है जो चुपचाप अपना काम करता रहे। अगर वीरेंद्र सहवाग और टॉम मूडी खामोश रहकर काम नहीं करेंगे तो उन्हें भी कुंबले जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा। आज तक जिन लोगों ने भी भारतीय टीम की कोचिंग की है उनमे से क्या आपने संजय बांगड़, जॉन राइट या गैरी कर्स्टन की शिकायत सुनी है?” लाल का मानना है कि टीम इंडिया में कोच का पद कप्तान से काफी नीचे हैं।
1996-97 में टीम इंडिया के कोच का पद संभालने वाले मदन लाला ने आगे कहा “मुझे लगता है कि अनिल कुंबले ने अपने पद से इस्तीफा देकर सही फैसला लिया है क्योंकि अगर ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ी आपका सम्मान नहीं करते तो कोच बने रहने का कोई मतलब नहीं है।” उन्होंने टीम इंडिया में कप्तान और कोच के पद के तवज्जों को लेकर कहा “मुझे हमेशा लगता है कि भारतीय टीम में कप्तान सबसे ताकतवार शख्स होता है। कोच कभी भी कप्तान जितना ताकतवर नहीं हो सकता। कोच केवल अपने सुझाव दे सकता है। कोच को और ज्यादा अधिकार देने की जरूरत है वर्ना चीजें वैसी ही बनी रहेंगी जैसी अभी हैं। हमारी टीम का प्रदर्शन इन दिनों काफी अच्छा है इसलिए हमें अपने रवैये में और व्यावहारिक होने की जरूरत है। कोच से पास चयनकर्ताओं से सीधे बाद करने का अधिकार होना चाहिए और उसके सुझाव अमल में लाए जाने चाहिए।”