बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए विकेटकीपर के तौर पर टीम की पहली पसंद ऋद्धिमान साहा थे। शतक के साथ अपने चयन को सार्थक करने वाले साहा टीम की इस नीति से खुश हैं। शतक जमाने वाले साहा ने कहा ,‘‘ खिलाड़ियों के लिये यह काफी सकारात्मक है क्योंकि चोट के बाद जब कोई खिलाड़ी वापसी करता है तो उसे यह पता रहना अच्छा है कि फिट होने पर वह टीम में वापसी करेगा।’’ भारत के नंबर एक विकेटकीपर होने के बावजूद ऋद्धिमान ने पार्थिव की तारीफ करते हुए कहा कि चयनकर्ताओं के फैसले को स्वीकार करना चाहिये।
उन्होंने कहा ,‘‘जब मैं घायल था तो पार्थिव टीम में आया। उसे जब भी मौका मिला, उसने अच्छा प्रदर्शन किया। लेकिन ईरानी कप में मेरे दोहरे शतक के बाद चयनकर्ताओं ने फैसला लिया जिसे सबको स्वीकार करना चाहिए।’’
न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाता में दो अर्द्धशतक को उन्होंने अपने दोनों टेस्ट शतकों से बेहतर पारी बताया। साहा ने कहा,‘‘ मैं न्यूजीलैंड के खिलाफ दोनों अर्द्धशतकों को तरजीह दूंगा क्योंकि उस समय टीम को मेरे योगदान की जरूरत थी। हमें 300 से अधिक का लक्ष्य देने की जरूरत थी और उसे ध्यान में रखकर ये दोनों पारियां अहम थी।’’ साहा को चार के स्कोर पर जीवनदान मिला जिसे उसने खुशकिस्मती करार दिया।
उन्होंने कहा ,‘‘मैं इसे खुशकिस्मती कहूंगा क्योंकि उसने कोशिश की लेकिन गेंद स्टम्प पर नहीं लगी। दूसरी बार जब वह सफल रहा तो मैं क्रीज के भीतर था । मुझे आज शतक बनाना ही था और यही वजह है कि वह स्टम्पिंग नहीं कर सका।’’