फीफा वर्ल्ड कप में खिताबी ट्रॉफी के बाद यदि किसी चीज पर खिलाड़ियों की नजर रहती है तो वह है गोल्डन बूट। वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी को गोल्डन बूट दिया जाता है। इस अवॉर्ड की शुरुआत साल 1982 में हुई थी। तब इसका नाम ‘गोल्डन शू’ हुआ करता था। साल 2010 में इस अवार्ड का नाम बदलकर ‘गोल्डन बूट’ कर दिया गया। आइये एक नजर डालते हैं ‘गोल्डन बूट’ से नवाजे गए खिलाड़ियों पर……
साल 1990 में इटली में हुए वर्ल्ड कप में साल्वातोर स्किलाची सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। इस वर्ल्ड कप में इटली के साल्वातोर ने 6 गोल किए और ‘गोल्डन बूट’ के अलावा गोल्डन बॉल का पुरस्कार भी अपने नाम किया। हालांकि उनकी टीम को इस वर्ल्ड कप में तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
साल्वातोर स्किलाची
इंग्लैड के गैरी लिनेकर को साल 1986 में मैक्सिको में हुए वर्ल्ड कप में ‘गोल्डन बूट’ से नवाजा गया। इस वर्ल्ड कप में गैरी लिनेकर ने सर्वाधिक 6 गोल किए थे। हालांकि लिनेकर के शानदार प्रदर्शन के बावजूद इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड कप में कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी और टूर्नामेंट में 8वें स्थान पर रही।
गैरी लिनेकर
साल 2010 में साउथ अफ़्रीका में हुए वर्ल्ड कप में एक बार फिर ‘गोल्डन बूट’ का अवार्ड जर्मनी के फुटबॉलर को मिला। थॉमस मुलर ने वर्ल्ड कप में जर्मनी की ओर से 5 गोल दागे और ‘गोल्डन बूट’ का अवार्ड अपने नाम किया। लेकिन इस साल भी जर्मनी को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा।
थॉमस मुलर
2014 वर्ल्ड कप में जर्मनी के थॉमस मुलर और अर्जेंटीना के लियोनल मेसी को ‘गोल्डन बूट’ का दावेदान माना जा रहा था, लेकिन कोलम्बियाई स्टार हामेस रोड्रिगेज ने सभी को चौंकाते हुए ये अवार्ड अपने नाम किया। रोड्रिगेज ने इस वर्ल्ड कप में शानदार खेल दिखाते हुए 6 गोल किए। वहीं थॉमस मुलर ने 5 गोल के साथ सिल्वर बूट का अवॉर्ड अपने नाम किया था।
हामेस रोड्रिगेज
इटली के पाअलो रोसी को स्पेन में हुए 1982 फीफा वर्ल्ड कप में गोल्डन बूट से सम्मानित किया गया था। पाअलो ने इस टूर्नामेंट में 6 गोल किए और अपनी टीम को चैंपियन बनाते हए गोल्डन बूट के साथ-साथ गोल्डन बॉल का अवार्ड भी अपने नाम किया।
पाअलो रोसी
साल 2006 में जर्मनी में हुए वर्ल्ड कप में मिरोस्लाव क्लोज़ को ‘गोल्डन बूट’ के ख़िताब से सम्मानित किया गया। इस वर्ल्ड कप में उन्होंने सर्वाधिक 5 गोल किए। लेकिन उनकी टीम को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। इससे पहले साल 2002 में उन्हें ‘सिल्वर बूट’ से नवाजा गया था।
मिरोस्लाव क्लोज़
साल 2002 में ‘गोल्डन बूट’ ब्राज़ील के सुपरस्टार ख़िलाड़ी रोनाल्डो को दिया गया। साउथ कोरिया और जापान में संयुक्त रूप से हुए वर्ल्ड कप में रोनाल्डो ने 8 गोल किए और ब्राज़ील की टीम को वर्ल्ड कप जिताने में बड़ी भूमिका निभाई।
रोनाल्डो
साल 1994 में फीफा वर्ल्ड कप अमेरिका में खेला गया जिसमें बुल्गारिया के हिस्टो स्टोइकोव और रूस के ओलेग सालेंको को संयुक्त रुप से ‘गोल्डन बूट’ का अवॉर्ड दिया गया। दोनों ही खिलाड़ियों ने इस वर्ल्ड कप में 6-6 गोल किए थे।
हिस्टो स्टोइकोव और ओलेग सालेंको
क्रोएशिया के डावोर सुकर के लिए साल 1998 का वर्ल्ड कप बेहद ही शानदार रहा। उन्होंने वर्ल्ड कप के 7 मैचों में 6 गोल दागते हुए ‘गोल्डन बूट’ का अवॉर्ड अपने नाम किया था।
डावोर सुकर