अगर क्रिकेट के डॉन को ब्रेडमैन कहते हैं, तो फुटबॉल के राजा का नाम पेले है। 23 अक्टूबर सन 1940 को मिनास गेराइस, ब्राजील में जन्में पेले ने लंबे समय तक ब्राजील टीम की तरफ से फुटबॉल खेला है। सन् 1999 में वोटिंग के जरिेये पेले को फुटबॉलर ऑफ सेंचुरी चुना गया था। इसके अलावा पेले को मैराडोना के सा फीफा फुटबॉलर ऑफ द सेंचुरी भी चुना गया था, जिससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
ब्राजील के लिए पेले ने सन् 1957 से 1971 तक फुटबॉल खेला था, जिसमें टीम ने 1 बार विश्वकप की ट्रॉफी पर कब्जा किया था। पेले ने ब्राजील की टीम में 17 वर्ष की उम्र में दस्तक दी थी, उस दौर में डीडी, वावा और गारिंका जैसे दिग्गज फुटबॉलर टीम में शामिल थे। ऐसे में इतनी कम उम्र में राष्ट्रीय टीम में जगह बना लेना किसी जीनियस का ही काम हो सकता है। पेले अपने समकक्ष मैराडोना से कई गुना बेहतर हुआ करते थे।
पेले मतलब फुटबॉल
सन् 1958 के वर्ल्ड कप में पेले टीम में रहेंगे या नहीं ये तय करने के लिए स्वीडन गयी टीम के साथ साइकोलॉजिस्ट जोआवो कर्वालहैस को भी भेजा गया था। कर्वाहलैस ने जब अपनी रिपोर्ट सबमिट की तो उसमें उन्होंने लिखा कि पेले की उम्र बहुत कम है, इसके अलावा मैदान में उनकी फाइटिंग स्पिरिट अच्छी नहीं है। इसलिए एक फॉरवर्ड के रूप में वह टीम में फिट नहीं बैठते हैं। लेकिन कोच फेओला ने कर्वालहैस से कहा कि तुम्हें फुटबॉल के बार में कुछ नहीं पता है, अगर पेले का घुटना ठीक रहा तो वह खेलेगा।
टीम के साइकोलॉजिस्ट ने पेले को टीम में न लेने की दी था सलाह
पहले दो मैच में चोटिल होने की वजह से पेले नहीं खेल पाए, लेकिन जब वह खेले तो वही नजर आए। सभी नॉकआउट स्टेज मुकाबले में मिलाकर पेले ने कुल 6 गोल में अपना योगदान दिया। जिसमें वेल्स के खिलाफ एक गोल, फ्रांस के खिलाफ तीन गोल और फाइनल में दो गोल में उनका योगदान रहा था। जिसमें उनके एक गोल की खासी तारीफ हुई थी। जिसमें उन्होंने बॉल को चेस्ट की मदद से टॉप कॉर्नर में शानदार हेडर की मदद से गोल किया था।
फिर क्या खेले पेले
सन् 1962 और 66 के विश्वकप में पेले चोट की चपेट में आ गये और उनकी टीम को इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। 1966 में तो उन्हें पुर्तगाल के खिलाफ मैदान पर इतनी बुरी चोट लगी कि उन्हें मैदान से बाहर स्ट्रेचर से ले जाया गया। उसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वह दोबारा विश्वकप नहीं खेलेंगे, हालांकि फैंस के मनाने के बाद वह 1970 में मैक्सिको के विश्वकप में मैदान पर उतरे। कलर टीवी के आने से दुनिया में पेले की लोकप्रियता ऐसी दिखी जो शायद ही किसी फुटबॉलर को दोबारा नसीब हुई हो।
चोट से रहे परेशान