महिला हॉकी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम 29 जुलाई को करो या मरो के मुकाबले में यूएसए से भिड़ेंगी। एक ड्रॉ और एक हार के बाद संकट में खड़ी भारतीय टीम के लिए ये मैच टूर्नामेंट में उसके आगे की राह तय करेगा।
इससे पहले भारतीय महिला हॉकी टीम ने वर्ल्ड कप में अपने अभियान की शुरूआत मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ ड्रा से की थी। वहीं दूसरे मैच में उसे 16वें नंबर की टीम आयरलैंड के हाथों 1-0 से हार का सामना करना पड़ा था।
भारत को अगर अगले दौर में जगह बनानी है तो उसे अमेरिका के खिलाफ हर हाल में जीत चाहिए। हालांकि सिर्फ इस मैच में जीत उसे अगले दौर में नहीं पहुंचा सकती। इसके लिए भारत को आयरलैंड और इंग्लैंड के बीच होने वाले मैच के परिणाम पर निर्भर रहना होगा।
दूसरी तरफ अमेरिका के लिए स्थिति वही है जो भारत के लिए है। उसे भी इस मैच में जीत चाहिए और फिर दुआ करनी है कि इंग्लैंड आयरलैंड के खिलाफ होने वाले अपने अगले मैच को जीत न पाए।
पूल-बी में आयरलैंड दो मैचों में दो जीत के दम पर छह अंकों के साथ पहले स्थान पर बना हुआ है। वहीं दूसरे स्थान पर इंग्लैंड है जिसने भारत और अमेरिका दोनों से ड्रॉ खेल दो अंक अर्जित किए हैं।
वहीं भारत और अमेरिका के एक-एक अंक हैं, लेकिन गोल अंतर बेहतर होने के कारण भारत तीसरे स्थान पर कायम है। अगर भारत अपने आखिरी मैच में अमेरिका को हरा देता है तो तीन अंक लेकर उसके कुल चार अंक हो जाएंगे। ऐसे में उसे दुआ करनी होगी कि इंग्लैंड अपने आखिरी मैच में हार जाए या ड्रॉ खेले।
गौरतलब है कि इस वर्ल्ड कप में भारत का एक मजबूत पक्ष डिफेंस रहा है जिसके दम पर उसने सिर्फ दो गोल खाए हैं और पहले मैच में इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम को 1-1 से ड्रॉ पर रोक दिया। हालांकि आयरलैंड के खिलाफ एक चूक ने उसे गोल खाने पर मजबूर किया जो उसकी हार का कारण बना।