प्रो कबड्डी लीग सीजन 6 के ऑक्शन में बिकने वाले सबसे महंगे खिलाड़ियों में एक रिशांक देवाडिगा आज भारतीय कबड्डी के बड़े स्टार कहे जाते हैं। रिशांक की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है जब नीलामी के दौरान दबंग दिल्ली करोड़ो का दांव लगा उन्हें अपनी टीम में शामिल करना चाह रही थी तभी यूपी योद्धा ने उन्हें 1.11 करोड़ रुपये में राइट टू मैच के तहत रिटेन कर लिया था। आज करोड़ों में खेलने वाले रिशांक कभी पैसों के लिए मोहताज़ थे जिन्होंने बचपन से गरीबी को बहुत करीब से देखा है। आईये जानते हैं रिशांक के संघर्ष और सफलता के बारे में।
मुंबई में जन्में रिशांक का यहां तक पहुंचने का सफर हर खिलाड़ी की तरह ही काफी संघर्ष भरा रहा है। उन्हें घर चलाने को पहले पढ़ाई छोडऩी पड़ी तो वहीं कबड्डी में करियर बनाने के लिए नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।
चुनौतियों भरा जीवन
रिशांक जब तीन साल के थे तो उनके पिता की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद घर का खर्च चलाने का सारा जिम्मा उनकी मां ने उठाया। मां को संघर्ष करता देख उनके अंदर कुछ कर दिखाने का जज्बा पैदा हुआ।
तीन साल की उम्र में हो गई थी पिता की मौत
रिशांक मुंबई के सांताक्रूज में रहता थे, वहां लोग रात को कबड्डी खेला करते थे। वीकेंड पर लोकल टीमों के बीच रोमांचक मुकाबले होते थे और पूरा मोहल्ला जमा होता था। यहीं से रिशांक की कबड्डी के खेल में दिलचस्पी बढ़ी और उन्होंने कबड्डी खेलना शुरू कर दिया।
सांताक्रूज़ की गलियों से हुई कबड्डी की शुरुआत
परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण रिशांक को नौकरी के लिए कॉलेज छोडऩा पड़ा था। इसके बाद उन्होंने एक होटल में काम किया, उसी दौरान उनका चयन मुंबई की टीम में हो गया। लेकिन होटल मैनेजर ने छुट्टी देने से इंकार कर दिया जिसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया। रिशा्ंक के मुंबई में शामिल होते ही की टीम ने पहला टूर्नामेंट जीत लिया था जिसके बाद उनका चयन महाराष्ट्र की राज्य कबड्डी टीम में हो गया। नेशनल स्तर पर टूर्नामेंट खेलने के बाद उन्हें भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड में नौकरी मिली। यहां से रिशांक ने नई जिंदगी की शुरुआत की।
सपनों की उड़ान के लिए छोड़ी नौकरी
रिशांक की मां ने उन्हें कबड्डी खेलने के काफी प्रोत्साहित किया है लेकिन खेलने के दौरान जब उन्हें चोट लग जाती थी तो उनकी मां को बहुत तकलीफ होती थी। लेकिन इसके बावजूद रिशांक छुप-छुपकर कबड्डी खेलते रहे। स्कूल टीम से मौका मिलने और धीरे-धीरे कामयाबी पर रिशांक की मां बहुत खुशी हुईं और उन्होंने हर कदम पर बेटे का साथ दिया।
मां ने हर पल दिया साथ
प्रो कबड्डी लीग की शुरुआत से रिशांक को नई पहचान मिली है। वह पीकेएल के शुरुआती चार संस्करणों में यू-मुंबा का प्रतिनिधित्व करने के बाद यूपी योद्धा में पिछले साल शामिल हुए थे। इस साल भी उन्हें यूपी योद्धा ने उन्हें 1.11 करोड़ रुपये में अपनी टीम में शामिल कर लिया है।
पीकेएल में छोड़ी अपनी छाप
रिशांक अपनी डाइट पर काफी ध्यान देते हैं। उनकी डाइट में दूध और प्रोटीन युक्त भोजन शामिल हैं। इसके अलावा वह अपने आपको फिट रखने के लिए रेगुलर जिम जाते हैं।
जो फिट है वो हिट है
रिशांक को कबड्डी के फुटबॉल बहुत पसंद है। उन्होंने बचपन में 10 साल फुटबॉल खेला है। उनके पसंदीदा फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो हैं।
रिशांक कबड्डी के रोनाल्डो बनना चाहते हैं