भारतीय टेनिस जगत की सबसे बेहतरीन डबल्स जोड़ी में से एक रही भूपति- पेस की जोड़ी ने लगभग एक दशक तक टेनिस की दुनिया में जलजला ला दिया था। दोनों के नाम डेविस कप में 23 सीधी जीतों का रिकॉर्ड दर्ज हैं। इस जोड़ी ने अपने टॉप के दौर में तीन ग्रैंड स्लैम खिताब पर कब्जा जमाया। लेकिन इसके बाद आपसी मनमुटाव के कारण ये जोड़ी टूट गई। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ नाम से मशहूर इस जोड़ी के बीच खटपट साल 2002 से ही शुरू हो गई थी। हालांकि, इसके बाद भी दोनों राष्ट्रीय टीम के लिए एकसाथ खेले। साल 2004 के एथेंस ओलंपिक में ये दोनों फिर साथ खेले और भारतीय टेनिस डबल्स टीम अपने ओलंपिक इतिहास में पदक के सबसे करीब भी इसी ओलंपिक में पहुंची थी। पेस-भूपति की जोड़ी सेमीफाइनल में पहुंच गई, लेकिन अंत में ब्रॉन्ज के लिए हुए मुकाबले में कड़े संघर्ष के बाद भी हार गई।
साल 2006 में एशियन गेम्स के दौरान दोनों की जोड़ी चाइनीज टीम के खिलाफ एक मैच हार गई और इसके बाद लिएंडर ने भूपति की भारत की ओर प्रतिबद्धता पर सवाल उठा दिए। लिएंडर ने एक साक्षात्कार में भी कहा था कि वह और भूपति अच्छे दोस्त हैं लेकिन वह उनके साथ जोड़ीदार नहीं बनना चाहते। लेकिन फिर भी, बीजिंग ओलंपिक में दोनों ने अपने देश के लिए साथ खेलने का निर्णय लिया। लेकिन अंततः रोजर फेडरर और वावरिंका के हाथों सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो जाना पड़ा। इसके बाद फिर कभी ओलंपिक में पेस और भूपति साथ-साथ नहीं खेले। साल 2012 ओलंपिक में भूपति ने पेस के साथ जोड़ी बनाने से साफ इंकार कर दिया था। इसके बाद एआईटीए ने पुरुषों की दो टीम भेजने का फैसला किया और भूपति और बोपन्ना की जोड़ी बनाई और पेस के जोड़ीदार बने विष्णुवर्द्धन।
ये विवाद का अंत नहीं था बल्कि पेस ने धमकी दे डाली की अगर सानिया मिर्जा मिक्स्ड डबल्स में उनके साथ जोड़ी नहीं बनाएंगी तो वे ओलंपिक से अपना नाम वापस ले लेंगे। चूंकि सानिया भूपति के साथ जोड़ी बनाने की इच्छुक थीं। भूपति ने इस पर पेस की आलोचना भी की थी। वहीं सानिया ने कहा था कि पेस को खुश करने के लिए उनका चारे की तरह इस्तेमाल किया गया। इतने विवादों के बाद कोई भी टेनिस जोड़ी लंदन ओलंपिक में पदक नहीं ला पाई।