स्टेनी ग्राफ तो पहले से ही टेनिस में अपना नाम कर चुकी हैं। अब उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का जिम्मा उनकी ही देश की खिलाड़ी एंजलिक कर्बर ने लिया है। पिछले दिनों कर्बर ने टेनिस जगत में कई खिताब जीतते हुए अपने बेहतरीन खेल से पूरी दुनिया को रूबरू करवाया था। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कर्बर बचपन से पेशेवर टेनिस को लेकर सोचती भी नहीं थी बल्कि उनके एक शौक ने उन्हें टेनिस स्टार बना दिया।
दरअसल, कर्बर को बचपन से ही नई- नई जगहों पर घूमने का शौक था और उन्होंने इस बात पर गौर किया कि टेनिस खेलते हुए नई जगहों पर जानें का मौका मिलता है। फिर क्या था उन्होंने टेनिस के खेल के लिए अपने आपको मांजना शुरू कर दिया और अगले सालों में वह जर्मनी की उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी बन गईं। हालांकि, उनकी वॉटर स्पोर्टस की ओर दिलचस्पी गाहे- बगाहे आज भी नजर आ जाती है। उन्हें स्कूबा डाइविंग करना खूब भाता है। वह अपने इस शौक को मालदीव में पूरा करती हैं।
उनके मुताबिक कई जगह घूमने के मौके मिलने के कारण उन्हें टेनिस खेल से और भी प्यार हो गया है। कर्बर ने अपना प्रोफेशनल डेब्यू साल 2003 में किया था। उन्हें विश्व स्तर पर तब पहचान बनाई थी जब वह 2011 के यूएस ओपन के सेमीफाइनल में पहुंची थीं। उन्होंने अपने करियर की सर्वोच्च नंबर एक रैंकिंग सितंबर 2016 में प्राप्त की थी। उस दौरान वह नंबर एक रैंकिंग पहली बार हासिल करने वाली सबसे ज्यादा उम्र की खिलाड़ी बनी थीं।
साल 2016 समर ओलंपिक्स में कर्बर ने जर्मनी का प्रतिनिधित्व करते हुए सिल्वर मेडल जीता था। उन्होंने 15 साल में अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत की थी। वह तीन भाषाएं जर्मन, इंग्लिश और पोलिश जानती हैं। साथ ही उनके पास दो देशों जर्मन-पोलिश की नागरिकता है। वह अपने करियर की शुरुआत से ही जर्मनी के लिए खेलती आई हैं। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, “मैं जर्मन हूं। मैं जर्मनी के लिए खेलती हूं। मैं जर्मनी में पली- बढ़ी हूं। और मेरा दिल जर्मनी के लिए धड़कता है।” उनके टेनिस खेलने की वजह भला जो भी रही हो लेकिन सच तो यही है कि अपने खेल से उन्होंने अपने देश का नाम रौशन कर दिया है।