भारत की नंबर एक महिला टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना ने इंडोनेशिया में जारी एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल जीता है। अंकिता रैना ने मेडल महिला सिंगल्स में अपने नाम किया है। इसके साथ ही अंकिता रैना एशियाई खेलों में अपना पहला मेडल जीतने में कामयाब हो गई हैं। जबकि वह महिला डबल्स के सेमीफाइनल में भी जगह बना चुकी हैं।
सानिया मिर्जा के बाद भारतीय टेनिस में अंकिता रैना बड़ी उम्मीद बनकर उभरी हैं, जो लगातार अपने खेल से देशवासियों का मान बढ़ा रही हैं। उम्मीद है कि वह देश को आगे और मेडल दिलाएंगी।
अंकिता रैना का जन्म 11 जनवरी सन् 1993 में गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। मौजूदा समय में वह महिला सिंग्लस में भारत की नंबर एक टेनिस खिलाड़ी हैं। इसके अलावा इस बार इंडोनेशिया की राजधानी में होने वाले एशियाई खेलों में वह भारतीय टेनिस टीम का हिस्सा हैं। यही नहीं वह पदक प्रबल दावेदार भी हैं।
रैना ने 5 वर्ष की उम्र में टेनिस खेलना शुरु किया था, वह बचपन से ही राफेल नडाल, सेरेना विलियम्स, सानिया मिर्जा और रोजर फेडरर को अपना आदर्श मानती आईं हैं। साल 2007 में अंकिता अहमदाबाद से हिंदू जिमखाना स्पोर्ट्स फैसिलिटी, पुणे शिफ्ट हो गईं। जिसके बाद वह हेमंत बेंद्रे और केतन धुमल के साथ टेनिस के गुर सीखने लगीं।
अंकिता रैना
अंकिता रैना पुणे के ही बृहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अपनी पढ़ाई पूरी कर रही हैं, कोर्ट से इतर अंकिता को अपने दोस्तों के साथ घूमना, फिल्में देखना और आउटडोर ट्रिप्स पसंद है। रैना कश्मीरी पंडित हैं और वह कश्मीरी, हिंदी, गुजराती और इंग्लिश बोलती हैं। हालांकि उनकी मातृभाषा कश्मीरी है।
अंकिता रैना
जूनियर स्तर पर अपने खेल से प्रभावित करने के बाद रैना ने पहली बार प्रोफेशनल करियर की शुरुआत साल 2009 में मुंबई आईटीएफ टूर्नामेंट से की थी। वहीं साल 2010 में ही रैना ने कई छोटे-छोटे टूर्नामेंट में सफलता हासिल की। जबकि साल 2011 में आईटीएफ सर्किट के फाइनल के डबल्स में प्रवेश किया, साल 2012 में पहली बार रैना ने सिंग्लस का खिताब जीता और इसी वर्ष उन्होंने तीन डबल्स का खिताब जीता। रैना ने साल 2013 अक्टूबर में करियर की सिंग्लस रैंकिग के 291 वें नंबर पर पहुंची।
अंकिता रैना
फिलहाल वह इस समय 181 नंबर की टेनिस खिलाड़ी हैं, रैना साल 2018 में फ्रेंच ओपन और विंबलडन 2018 में क्रमशः पहले और दूसरे दौर में जगह बनाने में कामयाब हो चुकी हैं।
अंकिता रैना
अंकिता रैना ने आईटीएफ टूर में अबतक 6 सिंग्लस और 13 डबल्स का खिताब जीत चुकी हैं, साल 2018 में अंकिता ने करियर की रैंकिंग में 200 वां स्थान हासिल किया। ऐसा करने वाली वह सिर्फ पांचवी भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी हैं।
अंकिता रैना
हाल ही में जारी टॉप्स की लिस्ट में अंकिता रैना को एशियाई खेलों को ध्यान में रखते हुए भी शामिल किया गया है। हालांकि गुजरात स्पोर्ट्स अथॉरिटी उन्हें सपोर्ट करती रही है, लेकिन विदेशी दौरों पर उन्हें दिक्कत होती थी।
अंकिता रैना
अंकिता रैना पहले विदेशी दौरों पर अपने पिता और भाई के साथ जाती थीं, लेकिन इसकी वजह से उनके परिवार का खर्चा बढ़ जाता था। इसलिए अंकिता ने 13 वर्ष की उम्र में ही निर्णय लिया की वह श्रीलंका खेलने अकेले जाएंगी। इस तरह उन्होंने विदेशी दौरे अकेले करना शुरू किया।
अंकिता रैना
भारत के लिए खेलते हुए रैना ने साल 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में सिंग्लस और मिक्सड इवेंट में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इसलिए एशियाई खेलों में भारत के लिए अंकिता रैना टेनिस में मेडल की बड़ी दावेदार मानी गई थीं।
अंकिता रैना