वैसे तो मिक्स्ड मार्शल ऑर्ट्स को रेसलिंग से भी खतरनाक माना जाता है। मिक्स्ड मार्शल ऑर्ट्स की फाइट के दौरान गंभीर चोटें लगने का जोखिम होता है और इसमें घायल होकर खून बहना आम बात है। यह खेल इतना खतरनाक है कि कई दफा ऐसे भी आए जब मिक्स्ड मार्शल ऑर्ट्स में फाइटर चोटिल होने के बाद दोबारा रिंग में वापसी नहीं कर सके। अब इस खतरे को आजमाने का मन बनाया है भारत की मशहूर रेसलर रितु फोगाट ने। जी हाँ, दंगल फेम रितु, गीता और बबीता फोगाट की छोटी बहन हैं। महावीर फोगाट की चार बेटियों में तीसरे नंबर की रितु अब कुश्ती छोड़ मिक्स्ड मार्शल ऑर्ट्स में अपना हाथ आजमाने का फैलसा किया है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि रितु भारत की उन महिला पहलवानों में से थीं जो आने वाले समय में भारत के लिए पदक जीत सकती थी। देश को उनसे काफी उम्मीदें थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उन्होंने सिंगापुर की इवोल्व फाइट टीम जॉइन की है। अपने इस फैसले पर उन्होंने कहा कि “मैं अपने नए सफर के लिए काफी उत्साहित हूं। मैंने एमएमए जॉइन करने का फैसला किया, क्योंकि मैं एमएमए वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली पहली भारतीय बनना चाहती हूं।”

Picture Source :- The Hindu
टोक्यों ओलिंपिक में जाने का मौका गंवाने के बाद रितु ने एमएमए (मिक्स्ड मार्शल ऑर्ट्स) के बारे में कहा, ‘मैं लंबे समय से इस खेल को फॉलो कर रही हूं। मैं हमेशा से हैरान रही हूँ कि इस खेल में कोई भारतीय क्यों नहीं है।” उन्होंने रेसलिंग को लेकर कहा कि “रेसलिंग ही मेरा पहला प्यार है और रहेगा। अब मैं इसे मिस करूंगी। मैं अपनी बहनों में अलग हूं और एमएमए का बेसब्री से इंतजार कर रही हूं।” गौरतलब है कि 24 वर्षीय रितु ने साल 2017 में पोलैंड में हुए वर्ल्ड अंडर-23 सीनियर रेसलिंग चैंपियनशिप के 48 किग्रा वर्ग कैटेगरी में देश के लिए सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं। वो भारत की प्रो रेसलिंग लीग की 2016 की नीलामी में सबसे महंगी महिला पहलवान थीं।

Picture Source :- Instagram
रितु के इस फैसले से देश को गहरा सदमा लगा है। उनके इस फैसले के बारे में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी विनोद तोमर का कहना है कि “रितु का रेसलिंग छोड़कर एमएमए जॉइन करने का फैसला हमें बेहद हैरान करने वाला है। उन्हें पता होना चाहिए कि इस फैसले के बाद वो भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएंगी।”