एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप 2018 में भारत का मस्तक उस समय गर्व से ऊंचा हो गया, जब 28 वर्षीय महिला पहलवान नवजोत कौर ने पहली बार इस इवेंट में भारत को गोल्ड दिला दिया। भारत के सबसे त्यौहार होली में यूं तो लाल-गुलाल जैसे रंगों का बोलबोला रहता है। लेकिन नवजोत कौर के इस स्वर्णिम रंग ने होली के माहौल को खुशगवार बना दिया।
नवजोत कौर से पहले गोल्ड के लिए मैट पर उतरने वाली विनेश को रजत से संतोष करना पड़ा था। लेकिन 65 किग्रा भारवर्ग में नवजोत ने जापान की मिया इमाई को 9-1 से मात देकर इतिहास रच दिया।
रचा इतिहास
एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने अबतक एक स्वर्ण पदक, 2 रजत पदक और दो कांस्य पदक के साथ मैडल टैली में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। विनेश और पिंकी ने रजत और साक्षी और संगीता ने कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया है।
मैडल टैली में भारत दूसरे स्थान पर
साल 2011 में नवजोत को सेमीफाइनल में हार मिली थी, जिसकी वजह से उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। साल 2013 में रेसलिंग वर्ल्डकप में नवजोत कौर कांस्य पदक जीत चुकी हैं। जबकि दिल्ली में आयोजित हुए एशियाई रेसलिंग चैंपियनशिप 2013 में उन्होंने रजत पदक जीता था।
नवजोत की ये भी रहीं हैं उपलब्धियां
नवजोत कौर के बीते प्रदर्शन को देखते साल 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में उनसे गोल्ड की उम्मीद थी, लेकिन वह उलटफेर का शिकार हो गयीं। जहां उन्हें कनाडा की रेसलर डोरी येट्स ने मात दे दिया। लेकिन उन्होंने कांस्य पदक मुकाबले में स्कॉटलैंड की सराह जोन्स को मात देकर पदक जीता।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2014