भारत के दिग्गज रेसलर सुशील कुमार, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट एशियाई खेलों के लिए ट्रायल नहीं देना चाहते हैं। दो बार के ओलंपिक मेडल विजेता सुशील कुमार ने हाल ही में 74 किग्रा भारवर्ग में, जबकि बजरंग पुनिया 65 किग्रा और विनेश फोगाट 56 किग्रा भारवर्ग में कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीता है। इन तीनों दिग्गजों ने खास तौर पर कुश्ती संघ से गुहार लगाई है कि वह ट्रेनिंग पर फोकस करने के लिए ट्रायल नहीं देना चाहते हैं। ये दिग्गज चाहते हैं कि इन्हें डाइरेक्ट एशियाई खेलों के लिए टीम में चुना जाए।
भारत के सर्वश्रेष्ठ पहलवान सुशील कुमार का ये बड़ा यू टर्न कहा जा सकता है, क्योंकि साल 2016 में रियो ओलंपिक से पहले उन्होंने नरसिंह यादव से ट्रायल की मांग की थी। ऐसे में अब उनका ट्रायल देने से इंकार करना सही संकेत नहीं दे रहा है। जबकि भारतीय कुश्ती महासंघ ने पहले से ये गाइडलाइन जारी कर रखी है कि फ्रीस्टाइल और ग्रीको रोमन के सभी पहलवानों को ट्रायल देना होगा। इसके लिए संघ ने 10 जून को सोनीपत में और 17 जून को लखनऊ में ट्रायल की डेट भी घोषित कर रखी है।
सुशील कुमार
भारत के लिए 65 किग्रा भार वर्ग में सीडब्लूजी में गोल्ड मेडल जीतने वाले बजरंग पुनिया भी ट्रायल में हिस्सा नहीं लेना चाहते हैं। जिसके लिए वह संघ को लिख चुके हैं, हालांकि संघ ने उनकी चिठ्ठी पाने की बात स्वीकार की है। लेकिन अभी इस पर कोई जवाब नहीं जारी किया है। वहीं संघ ये विचार कर सकता है कि वह इन पहलवानों की ट्रायल डेट बदल सकता है।
बजरंग पुनिया
कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली विनेश फोगाट इस लिस्ट की तीसरी रेसलर हैं, जो ट्रायल के बजाय ट्रेनिंग को तवज्जो देना चाहती हैं। इन सभी पहलवानों का मानना है कि वह ट्रायल में अगर हिस्सा लेंगी तो उनकी ट्रेनिंग पर बुरा असर पड़ेगा। जिसकी वजह से फेडरेशन उन्हें इस मामले ढील दे। हालांकि ट्रायल न होने से कई उभरते हुए पहलवानों को वाजिब मौका नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से ट्रायल होना जरूरी है।
विनेश फोगाट