खेल की दुनिया में उस वक्त सनसनी मच गयी थी, जब रूस के 28 एथलीट डोपिंग में फंस गए थे। लेकिन अब इन एथलीटों को बड़ी राहत मिली है। इन पर लगे प्रतिबंध हट गए हैं, जिसकी वजह उनपर लगे आरोपों का साक्ष्य का होना बताया जा रहा है।
खेलों की सबसे बड़ी अदालत (कैस) ने रूस के इन खिलाड़ियों के मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें बरी कर दिया। साल 2014 सोच्चि विंटर ओलंपिक में रूस के एथलीटों पर डोपिंग के आरोप में लगाए गए थे। जिसके बाद इन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन अब उनके खिलाफ अदालत को कोई भी सुबूत नहीं मिला तो उन्हें बरी कर दिया गया। खेल पंचाट ने इन एथलीटों को बरी करते हुए कहा कि इनपर लगे आरोपों का कोई सुबूत नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति यानी (आईओसी) ने सोच्चि ओलंपिक के दौरान इन एथलीटों को डोपिंग का दोषी करार देते हुए प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन अब लुसाने स्थित कैस ने इन 28 रूसी एथलीटों पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। इसके अलावा सभी एथलीटों ने सोच्चि ओलंपिक में जो पदक जीते थे उन्हें बरकरार भी रखने का भी निर्देश दिया है।
हालांकि कैस ने रूस के 11 अन्य एथलीटों को डोपिंग को डोपिंग का आरोपी माना है। लेकिन अदालत ने उन्हें राहत देते हुए उनके प्रतिबंध को कम करते हुए प्योंगयोंग विंटर ओलंपिक के बाद खत्म करने का निर्देश दिया है। इन खिलाड़ियों पर पहले ये प्रतिबंध आजीवन लगे हुए थे।
कुछ ही दिन पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डोपिंग में फंसे एथलीटों से माफ़ी मांगी थी, उन्होंने कहा था कि उन्हें खेद है कि वह उन्हें इस दंश से मुक्त नहीं करा पाए। हालांकि रूस ने अपने एथलीटों का खुलकर साथ दिया और इस तरह के डोपिंग के आरोपों को गलत बताया।