अर्जुन अवॉर्ड विजेता पैरालिंपियन हाई जंपर वरुण सिंह भाटी ने अपनी कड़ी मेहनत के बलबूते साल 2016 में हुए रियो पैरालिंपिक में ऊंची कूद में कांस्य पदक जीता था। उनके इस प्रदर्शन के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने पैरालिंपिक में पदक जीतने पर 30 लाख रुपये इनाम की धनराशि दे दी। यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उस समय वरुण को 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। 2 साल का वक़्त बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा घोषित इनाम की राशि उन्हें नहीं मिली है। इस बाबत उन्होंने डीएम व राज्य सरकार को कई बार खत लिख कर अपनी बात रखी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
राज्य सरकार के रवैये से नाराज़ वरुण के पिता हेमराज भाटी का कहना है कि दीपा मलिक को हरियाणा, देवेन्द्र झाझरिया को राजस्थान, मरियप्पन थन्गावेलु को तमिलनाडु सरकार ने इनामी राशि दे दी है। अर्जुन अवॉर्ड मिलने पर खिलाड़ी को पेंशन और राज्य सरकार से सरकारी नौकरी मिलती है, लेकिन वरुण को कुछ नहीं मिला है। उनका आरोप है राज्य सरकार ने अपना वादा अब तक पूरा नहीं किया है।
वरूण के पिता हेमराज सिंह भाटी का कहना है कि “पैरालंपिक में ऊंची कूद में देश के लिए कांस्य पदक जीतने के बाद प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक करोड़ रूपये पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा की थी। इस घोषणा के कुछ दिनों बाद ही प्रदेश में सत्ता बदल गई। सत्ता बदलते ही खिलाड़ी के लिए की गई पुरस्कार राशि की घोषणा फाइलों में दब कर रह गई।”

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उन्होंने आगे कहा कि, “जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी एनपी सिंह ने भी एक लाख रूपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की थी लेकिन यह रकम भी अभी तक वरूण को नहीं दी गई है।” इसके अलावा लंदन वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत जीतने के बाद भी 30 लाख रूपये के पुरस्कार की घोषणा प्रदेश सरकार ने की थी। प्रदेश सरकार और जिलाधिकारी स्तर से की गई पुरस्कार की घोषणाएं मात्र छलावा बना कर रह गयी है। ग्रेटर नोएडा स्थित जमालपुर गांव के रहने वाले वरुण भाटी ने कई देशों में हुई चैंपियनशिप में पदक जीते लेकिन इसके बाद आज भी उनके हाथ खाली हैं।
आपको बता दें 23 साल के वरुण भाटी को बचपन में ही पोलियो हो गया था लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और हाई जंप को अपना जुनून बना लिया। पिछले 2 सालों से लगातार वो पैरा ओलंपिक की तैयारी से कर रहे थे। साल 2016 में हुए रियो पैरालिंपिक में ऊंची कूद में 1.86 मीटर कूद कर उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम कर लिया था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस राशि के लिए वरुण के परिवार वालों ने कई बार प्रदेश के खेल मंत्री चेतन चौहान और प्रदेश के खेल मंत्रालय के निदेशक आरपी सिंह से भी मुलाकात की गई। उन्होंने बस खिलाड़ी परिवार को आश्वासन देकर विदा कर दिया। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों के पदक जीतने पर उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार नकद इनाम देने की घोषणा कर तो देतें हैं लेकिन समय बीतने के बाद वो सिर्फ जुमला बनकर रह जाती हैं।
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