भारत के जूनियर बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने हाल ही में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। इससे पहले इस चैंपियनशिप में सात साल पहले समीर वर्मा ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था।
बता दें कि लक्ष्य जूनियर वर्ल्ड रैंकिंग में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी हैं और पिछले कुछ सालों में उन्होंने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इस साल जुलाई में उन्होंने इतिहास रचते हुए एशियाई जूनियर चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया था।
16 अगस्त 2001 में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में पैदा हुए लक्ष्य सेन ने साल 2016 में हुए एशियन जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। दिलचस्प बात ये है कि लक्ष्य सेन ने 6 वर्ष की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।
लक्ष्य सेन
लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन में करियर इसलिए बनाया, क्योंकि उनके जीन में ही बैडमिंटन था। उनके दादा बैडमिंटन खिलाड़ी थे, जबकि उनके पिता डीके सेन स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में बैंडमिंटन की कोचिंग देते हैं। यही नहीं उनके बड़े भाई चिराग सेन भी बैडमिंटन में ही करियर बना रहे हैं।
लक्ष्य सेन
सिरिल वर्मा व आदित्य जोशी के बाद लक्ष्य सेन भारत के तीसरे बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जो जूनियर स्तर पर दुनिया के नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी बन चुके हैं। यही नहीं साल 2017 में लक्ष्य सेन ने अपने बड़े भाई चिराग सेन को नेशनल चैंपियनशिप में मात दिया था।
लक्ष्य सेन
न्यूजीलैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप 2018 में लक्ष्य सेन ने ओलंपिक पदक विजेता लिन डैन को कड़ी टक्कर दी थी। लक्ष्य सेन ने लिन डैन को पहले सेट में मात देकर सभी हैरान कर दिया था, हालांकि वह मुकाबला 21-15, 15-21 और 12-21 से हार गए थे।
लक्ष्य सेन
लक्ष्य सेन का खुद का सपना है कि साल 2020 में वह भारत के लिए ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल लेकर आएं। साथ ही उनका मानना है कि उनके सामने किसी भी उम्र का खिलाड़ी हो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है।
लक्ष्य सेन