चीन के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी और पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन लिन डैन के लिए साल 2008 की शुरुआत कुछ खास नहीं रहा था। उन्हें साल के पहले टूर्नामेंट में ली हुन इल के हाथों फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इस मैच में लाइन कॉल को लेकर एक बड़ा विवाद देखने को मिला। दरअसल मैच के दौरान एक लाइन कॉल के चलते डैन के विपक्षी खिलाड़ी ली को एक प्वाइंट मुहैया कराया गया। जिससे डैन खासे नाखुश हुए और अपना विरोध जताते हुए उन्होंने ली की ओर अपना रैकेट फेंका। डैन के दौरान रैकेट फेंके जाने से दोनों खिलाड़ियों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई और दोनों एक- दूसरे को भला बुरा कहने लगे। इन दोनों के झगड़े के कारण मैच को करीब दो मिनटों के लिए रोकना पड़ा।
इसी बीच मैच अधिकारी डैन को शांत करने को गए लेकिन वह उन्हें शांत करवाने में संघर्ष करते नजर आए। इसी बीच लिन के कोच झोंग बो ने हस्तक्षेप किया और डैन को धक्का दे दिया। जिसके जवाब में डैन ने भी उन्हें धक्का दिया। जब मैच अधिकारियों ने बात बढ़ते देखी तो दोनों को अलग- अलग किया। इस मैच के फाइनल सेट में डैन को 25-23 से हार का सामना करना पड़ा था। मैच के दौरान मैच रेफरी ने उन्हें यलो कार्ड भी दिखाया था।
बाद में डैन ने अपना आपा खोने के लिए माफी मांगने से भी इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि कोरियाई लीन ने मैच नीचता से जीता और कहा कि जब रेफरी ने ली को मैच प्वाइंट दे दिए थे तब लि ने उन्हें तानें मारे थे। वैसे ये पहला मौका नहीं था जब लिन विवादों में आए हों। बल्कि 10 अप्रैल 2008 को कोच जि जेनपेंग को उन्होंने अपने टीम के खिलाड़ियों और मीडिया के सामने घूंसा मारा था। ये थॉमस कप के वॉर्म अप मैचों के पहले की बात है। बाद में बात निकलकर आई थी कि उन्होंने ये इसलिए किया था क्योंकि वह टूर्नामेंट के शुरुआती लाइन- अप से खुश नहीं थे। इस विवाद के बाद भी लिन ने थॉमस कप में जीत दर्ज की थी और चीन को तीन क्रमवार टाइटल दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।