पूणे निवासी सुकांत कदम का बायां पैर विकलांगता से ग्रसित है। लेकिन उन्हें अपनी कमजोरी स्वीकार नहीं थी। अपने इस संकल्प और मजबूत इरादों के बदौलत उन्होंने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन खेलने में सफलता हासिल की। आज वो नंबर दो पर काबिज हैं। देखिए उनके जज़्बे और हिम्मत की कहानी क्या कहती है।
