भारतीय मूल की पहलवान रुपिंदर कौर इस बार कॉमनवेल्थ खेलों में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से लड़ती हुई नजर आएंगी। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 4 अप्रैल से शुरू हो रहे इन खेलों में रुपिंदर ऑस्ट्रेलिया की 8 पहलवानों की टीम में शामिल की गयीं है।
भारत में पली-बढ़ी रेसलर रुपिंदर कौर इस बार भारतीय रेसलरों को ही चुनौती देती हुई नजर आएंगी. उनका सपना है कि वह कॉमनवेल्थ खेलों में मैडल जीतें.
भारत की ऑस्ट्रेलियाई रेसलर
उनका जन्म भारत के पंजाब राज्य के तरन तारन जिले में हुआ था। रुपिंदर कौर ने स्कूलिंग के साथ-साथ पंजाब में ही अपना रेसलिंग करियर भी शुरू कर दिया था। लेकिन उसके बाद साल 2007 में वह ऑस्ट्रेलिया चली गयीं और वहीं पढ़ाई के साथ-साथ रेसलिंग को भी जारी रखा।
भारत के पंजाब में हुआ है इनका जन्म
50 किग्रा भारवर्ग में वह इस बार कॉमनवेल्थ में मैट पर उतरेंगी, जहां वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने की कोशिश करेंगी। हालांकि हाल ही में जोहांसबर्ग में सम्पन्न हुए 13वीं कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में उन्होंने कांस्य पदक जीता है। इसके अलावा पूर्व में ऑस्ट्रेलियाई नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने 48 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड जीता था।
ग्लासगो में कर चुकी हैं ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व
रुपिंदर कौर साल 2014 में हुए ग्लासगो कॉमनवेल्थ खेलों में भी भाग ले चुकी हैं। लेकिन वह 53 किग्रा भार वर्ग लड़ गयीं थी, जिसकी वजह से वह असफल रहीं थीं। ऐसे में इस बार उन्होंने 50 किग्रा भारवर्ग में मैट पर उतरेंगी।
ग्लासगो में गलत केटेगरी में उतरने का है गम
रुपिंदर कौर एक बेटी की माँ भी हैं, जिसके जन्म के ठीक 15 महीने के बाद उन्होंने रिंग में वापसी की। लेकिन वह दो बार सफल नहीं हो पायीं। लेकिन अब वह कॉमनवेल्थ में जलवा दिखाने के लिए तैयार हैं।
एक बेटी की माँ हैं रुपिंदर