चेन्नई सुपरकिंग्स की गिनती बेशक आईपीएल की सबसे खतरनाक टीमों में होती रही है। दो बार खिताब जीत चुकी ये टीम किसी भी मोड़ से मैच का रुख पलटने में सक्षम रही है। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली इस धाकड़ टीम के नाम एक अनचाहा रिकॉर्ड भी दर्ज है। सबसे ज्यादा बार फाइनल हारने का। चेन्नई कुल तीन बार फाइनल में पहुंचकर भी खिताब से दूर रही। आईपीएल-6 में ऐसा तीसरा मौका था।
फाइनल में कोलकाता के इडन गार्डन पर चेन्नई के सामने मुंबई इंडियंस थी। दोनों टीमें खासी दमखम वाली थीं। टॉस मुंबई ने जीता औऱ पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। मुंबई की बैटिंग लाइनअप फाइनल में फ्लॉप हो गई। ड्वेन ब्रावो ने चार विकेट झटके और पूरे टॉप ऑर्डर तहस-नहस कर दिया। ड्वेन स्मिथ (4), आदित्य तारे (0), कप्तान रोहित शर्मा (2) रन बनाकर चलते बने। एक वक्त बेहद मुश्किल में फंसी मुंबई को संभालने का काम किया अंबाती रायडू और कीरोन पोलार्ड ने। पोलार्ड ने विकेट खो चुकी मुंबई को अपनी अटैकिंग बैटिंग से सहारा दिया और 32 बॉल पर नाबाद 60 रन ठोक डाले। दूसरे छोर पर रायडू ने 36 बॉल पर 37 रन बनाकर कीरोन का अच्छा साथ दिया। सात चौके और तीन छक्के की मदद से जोरदार पारी खेल पोलार्ड ने मैच का रुख मुंबई की ओर कर दिया। 148 रन का स्कोर खड़ा कर मुंबई फाइनल में अच्छी स्थिति में आ चुका था।
सीएसके के मजबूत बैटिंग के लिए ये स्कोर मुश्किल नहीं था, लेकिन लसिथ मलिंगा और मिचेल जानसन ने कहर ढा दिया। हसी 1, विजय 18, रैना 0, बद्रीनाथ 0, जडेजा 0, एल्बी मॉर्कल 10 रन बनाकर आउट हों, तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि चेन्नई की पारी किस कदर लड़खड़ा गई होगी। एक बार फिर कप्तान धोनी अकेले योद्धा रहे। दूसरे छोर पर लगातार विकेट जाते रहे लेकिन धोनी ने तेजी से रन बनाने जारी रखे। 45 बॉल पर 63 रन बनाकर धोनी नाबाद रहे, लेकिन उन्हें एक भी बल्लेबाज का साथ नहीं मिला। चेन्नई 20 ओवर में 125 रन तक ही पहुंच सकी।
23 रन से मैच जीत मुंबई ने आईपीएल को नया चैंपियन दिया। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम ने बड़ी जीत हासिल की, वो भी दमदार चेन्नई के खिलाफ। आईपीएल-5 में कोलकाता के हाथों फाइनल गंवाने के बाद एक बार फिर चेन्नई खिताब से एक कदम दूर रह गया।