भारत के लिए 2004 पाकिस्तान दौरा काफी यादगार रहा था। सौरव गांगुली की कप्तानी में टेस्ट और वनडे सीरीज भारत ने जीती। कई युवा खिलाड़ी उभरकर सामने आए और कई खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत तौर पर शिखर छुए। ऐसा ही अच्छी यादें देने वाला रहा था रावलपिंडी में हुआ टेस्ट सीरीज का तीसरा और आखिरी टेस्ट। भारत ने ये मैच तो जीता ही, लेकिन सबसे खास रही टीम इंडिया की दीवार राहुल द्रविड़ की ऐतिहासिक पारी।
पाकिस्तान को 224 रन पर समेटने के बाद भारत की शुरुआत भी खराब रही, जब वीरेंद्र सहवाग पारी की पहली ही बॉल पर आउट हो गए। नंबर तीन पर राहुल बैटिंग करने उतरे। पहले उन्होंने पार्थिव पटेल के साथ 129 रन की साझेदारी कर टीम को मुसीबत से बाहर निकाला। पार्थिव औऱ सचिन के विकेट जल्दी-जल्दी गिर गए, पर राहुल डिगे नहीं। उन्होंने 132 बॉल पर 50 रन पूरे किए।
राहुल के वीवीएस लक्ष्मण (71) और कप्तान सौरव गांगुली (76) का साथ मिला और उन्होंने 251 बॉल पर शानदार शतक पूरा किया। राहुल के दम पर भारत फ्रंटफुट पर था, पर अभी टीम को मैच पर पकड़ मजबूत करने के लिए बड़ी लीड की जरूरत थी। ये काम भी राहुल ने संभाला और शतक को यादगार पारी में बदलते हुए 424 बॉल पर 27 चौके की मदद से दोहरा शतक पूरा किया।
राहुल के 250 रन पूरे होने के बाद लग रहा था कि मुल्तान में वीरू के तिहरे शतक के बाद सीरीज में एक और कारनामा देखने को मिलेगा। लेकिन राहुल 271 रन पर आउट हो गए। बहरहाल मिस्टर वॉल की इस रिकॉर्ड पारी के दम पर भारत ने मैच भी जीता और सीरीज भी।