शनिवार को जोहांसबर्ग में खेला गया चौथा और पिंक वनडे साउथ अफ्रीकी टीम के लिए भाग्यशाली साबित हुआ, जहां मेजबान ने भारत को 5 विकेट से हराकर सीरीज़ में पहली जीत दर्ज की। साउथ अफ्रीका ने इस जीत के साथ ही सीरीज़ में 3-1 से वापसी करने की दावेदारी ठोंकी हैं। डेविड मिलर और हैनरिक क्लासेन की धुंआधार बल्लेबाजी के बाद एंडिले फेलुकवायो के निचले ऑर्डर में महज 5 गेंदों पर 23 रन ठोंककर टीम को जीत दिला दी। इससे पहले रोहित शर्मा के फ्लॉप शो के बाद एक बार फिर गब्बर शिखर धवन और कप्तान विराट कोहली की जोड़ी हिट साबित हुई । शिखर ने अपने 100वें वनडे में शतक जड़कर नया इतिहास रचा लेकिन अफसोस उनका यह शतक भी टीम को जीत नहीं दिला सका। एक समय ऐसा लग रहा था कि चौथे वनडे में एक बार फिर टीम इंडिया विजयी बनेगी लेकिन बारिश के बाद पूरे मैच का रुख पलट गया। वहीं साउथ अफ्रीकी पारी के दौरान भारतीय खिलाड़ियों से कई बड़ी गलतियां हुई जो हार का मुख्य कारण बनी। आईये जानते हैं भारत के हार के 5 बड़े कारण क्या रहे।
साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए तीनों वनडे में भारतीय स्पिन जोड़ी कुलदीप चहल और युजवेंद्र चहल ने टीम की जीत में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन चौथे वनडे में यह जोड़ी बुरी तरह से फ्लॉप रही। चहल ने इस मैच में 5.3 ओवर में 68 रन देकर केवल एक विकेट झटका, यानि प्रति ओवर रन देने का औसत 12 रन से भी ज्यादा रहा। वहीं कुलदीप ने 8.50 के औसत से रन लुटाते हुए 6 ओवर में 51 रन देकर दो विकेट लिए। हैरानी वाली बात यह है कि इससे पहले खेले गए मैचों में कुलदीप और चहल की गेंदों में कुल 13 बांउड्री लगी हैं, जिसमें 4 छक्के शामिल हैं। लेकिन चौथे वनडे में इस स्पिन जोड़ी पर प्रहार करते हुए साउथ अफ्रीका बल्लेबाज़ों ने 14 बांउड्री जड़ दी जिसमें 8 छक्के भी शामिल हैं। दोनों गेंदबाज़ों के इतने रन लुटाने के बावजूद विराट कोहली ने गेंदबाज़ी में कोई बदलाव या एक्सपेरिमेंट नहीं किया।
स्पिन अटैक रहा विफल
साउथ अफ्रीकी पारी के दौरान चहल ने बांए हाथ के बल्लेबाज़ डेविड मिलर को क्लीन बोल्ड कर दिया था लेकिन यह गेंद नो बॉल थी जिसका खामियाज़ा टीम को उठाना पड़ा। नो बॉल पर आउट होने के दौरान मिलर महज़ 7 रन पर थे लेकिन इसके बाद उन्होंने 39 रन की पारी खेलकर टीम की जीत में अहम रोल निभाया।
चहल की नो बॉल पड़ी मंहगी
चौथे वनडे के दौरान खराब मौसम ने विलेन की भूमिका निभाई। मैच के दौरान खराब मौसम और रौशनी की वजह से कई बार मैच को रोकना पड़ा जिसका सबसे ज्यादा असर इनफॉर्म भारतीय बल्लेबाज़ शिखर धवन पर पड़ा। बारिश की वजह से जब खेल रुका तो भारतीय टीम 34.2 ओवर में दो विकेट के नकसान पर 200 रन बना चुकी थी। ऐसा लग रहा था कि विराट कोहली के आउट होने के बाद टीम निर्धारित 50 ओवरों में 350 रन का आंकड़ा पार कर लेगी। बारिश के बाद जब मैच शुरु हुआ तो धवन और रहाणे कम्रश 107 व 5 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे। लेकिन इसके बाद दोनों बल्लेबाज़ जल्द ही पवेलियन लौट गए और अगले 15 ओवरों में टीम महज़ 89 रन ही स्कोरबोर्ड में जोड़ सकी।
खराब मौसम बना सिरदर्दी
चौथे वनडे के दौरान शुरुआत से ही टीम इंडिया उतनी जोशीली नज़र नहीं आई जैसा कि उसे बाकि तीन वनडे के दौरान देखा गया। कप्तान कोहली हवाई शॉट्स खेलते दिखे जबकि बाकि तीन वनडे में उनको ग्रांउड पर स्ट्रोक्स लगाते देखा गया था। क्रिस मौरिस की गेंद पर लापरवाही के साथ शॉट खेलने के चक्कर में उन्होंने अपना विकेट सस्ते में दे दिया। वहीं चहल की नो बॉल पर जहां एक बार डेविड मिलर को जीवनदान मिला तो वहीं दूसरी पर एडेन मार्कम ने छक्का जड़ दिया। फील्डिंग के लिहाज़ से भी टीम का स्तर काफी खराब रहा। चहल की गेंद पर श्रेयस अय्यर ने डेविल मिलर का आसान सा कैच टपका दिया।
जोश में कमी और खराब फील्डिंग
बारिश ने जहां विलेन की भूमिका निभाई तो वहीं डकवर्थ लुईस नियम का फायदा साउथ अफ्रीकी टीम को हुआ। दूसरी बार जब बारिश के बाद मैच शुरु हुआ तो साउथ अफ्रीकी टीम का स्कोर 7.2 ओवर में 1 विकेट खोकर 43 रन था। डकवर्थ लुईस नियम के तहत साउथ अफ्रीका को 28 ओवर में 202 रन का संशोधित लक्ष्य मिला जिसे उसने आसानी से हासिल कर लिया।
डकवर्थ लुईस नियम से प्रोटियाज को हुआ फायदा