भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बात करें तो उनका नाम भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार किया जाता है। इसके साथ ही मैदान के भीतर उनकी कप्तानी के अंदाज और नए-नए लुक भी युवा खिलाड़ियों को काफी प्रेरित करने का काम करते हैं। धोनी दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी कैप्टेंसी में भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी की सभी बड़ी ट्रॉफियां जिताई हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम में साल 2007 में आईसीसी टी-20 वर्ल्डकप, साल 2011 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट विश्वकप और साल 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भारत की झोली में डाली हैं।
धोनी ने अपनी कप्तानी के बल पर साल 2015 के विश्वकप में भी भारतीय क्रिकेट टीम को टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मैच तक पहुंचाया था। उन्होंने भारतीय टीम को जितनी उपलब्धियां दिलाईं और भारतीय क्रिकेट को जिस मुकाम पर पहुंचाया, वह शायद आने वाले समय में किसी भी कप्तान के लिए आसान नहीं होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि मैदान के अंदर बेहद कूल नजर आने वाले पूर्व कप्तान धोनी को अब क्रिकेट के सभी प्रारूप से सन्यास लेने की भी सलाह दी जाने लगी है। आज हम आपको ऐसे ही चार कारण भी बताने जा रहे हैं, जिसकी वजह से अब उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए।
नए खिलाड़ी को मौका
भारतीय क्रिकेट टीम में मौजूदा समय में अभी ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जिन्हें मौका मिले तो वह काफी शानदार खेल दिखा सकते हैं। वहीं कई खिलाड़ी टीम के बाहर भी वेटिंग लिस्ट में इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में अगर धोनी संन्यास लेते हैं तो संजू सैमसन, ईशान किशन और ऋषभ पंत जैसे कई युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, जो अपनी प्रतिभा का नमूना पेश कर सकते हैं और भारत को एक दीर्घकालिक विकल्प भी मिल सकता है।
मैच फिनिशन की भूमिका में गिरावट
महेंद्र सिहं धोनी का प्रदर्शन आईपीएल टूर्नामेंट के दौरान तो दमदार रहता है और बीते सत्र के सभी मैचों में उन्हें आतिशी पारी खेलते हुए देखा भी गया है। लेकिन अगर बात अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की बात करें तो अब कहीं न कहीं उनकी वह पहले वाली मैच फिनिशर की भूमिका में गिरावट आती दिखाई दे रही है। इसके पीछे का एक कारण उनकी बढ़ती उम्र भी हो सकता है। क्योंकि अब उनकी उम्र 37 साल हो चुकी है। उम्र के इस पड़ाव में आकर ज्यादातर क्रिकेटर इस खेल को अलविदा कह देते हैं।
बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र के साथ ही इंसान का जोश और फुर्ती भी कम होने लगती है। ऐसे में अगर धोनी आने वाले साल 2019 क्रिकेट वर्ल्डकप में शिरकत करते हैं तो उस समय वह तकरीबन 38 साल के हो जाएंगे। बढ़ती उम्र के साथ ही धोनी की फिटनेस और बल्लेबाज़ी पर भी असर पड़ रहा है। 37 साल की उम्र में पहुंचने के बाद अब धोनी के पावर हिटिंग शॉट्स में भी कमी आने लगी है। ऐसे में उनकी बढ़ती उम्र भी उनके संन्यास का एक गंभीर कारण बन सकती है।
ख़राब फॉर्म
पिछले एक साल से धोनी के फॉर्म को लेकर काफी कुछ लिखा और बोला जा चुका है। मौके आए जब धीमी बल्लेबाज़ी को लेकर उनकी आलोचनाएं हुई। इन हालात में ये सवाल भी उठने लगे कि उनकी जगह टीम में एक ऐसे बल्लेबाज़ को जगह दी जानी चाहिए जो छठे या सातवें नंबर पर आकर विस्फोटक बल्लेबाज़ी कर सके।