2003 विश्व कप में भारत अगर जोरदार तरीके से फाइनल तक पहुंचा था, तो इसका कारण था टीम के हर एक खिलाड़ी का योगदान। इसमें युवा गेंदबाज आशीष नेहरा भी कहां पीछे रहते। नेहरा ने भारत के ग्रुप स्टेज के पांचवे मैच को चुना..अंग्रेजों के खिलाफ। पहले बैटिंग करते हुए भारत डरबन की विकेट पर 250 रनों का स्कोर खड़ा कर चुका था। अब जिम्मेदारी गेंदबाज़ों के कंधों पर थी। ये मैच काफी बड़ा था, क्योंकि भारत ने अब तक अपनी तीनों जीत कमजोर टीमों के खिलाफ ही दर्ज की थी और उन्हें ऑस्ट्रेलिया से हार मिली थी।
दूसरे ही ओवर में निक नाइट ने मोहम्मद कैफ के सामने से रन चुराने की गलती कर दी, अगले ही पल वो रन आउट होकर वापस लौट रहे थे। सातवें ओवर में जहीर ने ट्रेस्कॉथिक को चलता कर दिया। इसके बाद नासिर हुसैन और माइकल वॉन ने अगले दस ओवर तक क्रीज संभाल ली। लगने लगा कि ये अनुभवी जोड़ी इंग्लैण्ड को मैच में वापस ला देगी। लेकिन अभी नेहरा का कमाल होना बाकी था।
नेहरा की तेजी और स्विंग के आगे लगातार दो गेंदों पर हुसैन और एलेक स्टीवर्ट पवेलियन लौट गए। नेहरा अगला ओवर लेकर आए तो वॉन भी विकेट के पीछे लपके गए। इसके बाद तो नेहरा ने इंग्लिश बैटिंग लाइनअप को ही उखाड़ दिया। नेहरा ने छह विकेट लेने के लिए महज़ 23 रन खर्च किए। भारत ने मैच 82 रन से जीता। नेहरा का ये यादगार प्रदर्शन आज भी विश्वकप मैच में भारत के लिए बेस्ट बॉलिंग फिगर है।