क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल है इसके बावजूद 300 से ज्यादा का स्कोर चेज करना बिल्कुल भी आसान नहीं होता। लेकिन अगर बात टीम इंडिया की हो, तो ये काम उतना मुश्किल भी नहीं। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ भी भारत ने बड़े-बड़े स्कोर का पीछा कर जीत दर्ज की है। साल 2013 के नागपुर वनडे में 350 के स्कोर को भी भारत ने बौना साबित कर दिया था। सात मैचों की सीरीज में 2-1 से पीछे चल रही टीम इंडिया के लिए ये मैच बेहद अहम था।
धोनी एंड कंपनी की परेशानियां ऑस्ट्रेलिया ने स्कोर बोर्ड पर 350 रन खड़ा करके बढ़ा दी थी। शेन वॉटसन ने 94 गेंदों पर 102 और जॉर्ज बेली ने 114 गेंदों पर 156 रन जड़े। इस बड़े स्कोर के जवाब में टीम इंडिया ने ऐसा काउंटर अटैक किया, जिसकी शायद ऑस्ट्रेलिया ने उम्मीद भी नहीं की होगी। रोहित शर्मा ने पारी की पहली ही गेंद पर जोरदार चौका जड़कर अपने इरादे जाहिर कर दिए।
मिचेल जॉनसन लगातार 140 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ़्तार से गेंदबाज़ी कर रहे थे जिसका रोहित-धवन ने बेहद सधे हुए अंदाज में उनका सामना किया और रनरेट भी साधे रखा। धवन ने 50 बॉल पर तो रोहित ने थोड़ा वक्त लेते हुए 72 बॉल पर पचासा पूरा किया। भारत को अच्छी शुरुआत मिल चुकी थी और अब दोनों सलामी बल्लेबाज़ों ने हाथ खोले। रोहित ने अर्द्धशतक पूरा करते ही तीन छक्के जड़े और 89 गेंदों पर 79 रन बनाकर आउट हुए।
अब क्रीज पर उतरे प्रतिभावान विराट कोहली और उन्होंने पहले से भी बड़ा तूफान ला दिया। कोहली ने आते ही आक्रामक बल्लेबाज़ी की। एक ओवर में 17 रन ठोके और महज 31 गेंदों पर 50 रन बनाए। इस बीच धवन ने भी 100 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। धवन इसी स्कोर पर आउट हुए, पर कोहली का कहर जारी रहा।
कोहली ने 61 बॉल पर शतक जड़ा और कप्तान धोनी के साथ 43 बॉल पर 61 रन की नाबाद साझेदारी निभाई। टीम इंडिया ने तीन बॉल पहले ही छह विकेट से धमाकेदार जीत दर्ज की। 350 रन के टारगेट को इतनी आसानी से चेज करना सिर्फ मास्टर चेजर टीम इंडिया के ही बस की बात थी।