आईपीएल के पहले दो सीजन में लगातार विदेशी कप्तानों की अगुवाई वाली टीमों ने ताज उठाया था। देसी कप्तान इस दौड़ में कुछ पिछड़ते नजर आ रहे थे। जिस कप्तान से सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं, वो भी खिताब से दूर था। महेंद्र सिंह धोनी। धोनी की अगुवाई में चेन्नई पहले सीजन में फाइनल में हार गई थी। खैर इस कमी को पूरा भी माही ने ही किया। चेन्नई सुपर किंग्स को आईपीएल-3 का चैंपियन बनाकर। आईपीएल के तीसरे सीजन की खिताबी भिड़ंत हुई मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम पर, जहां चेन्नई ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया।
चेन्नई की शुरुआत काफी हल्की रही। मुरली विजय और मैथ्यू हेडन लय पकड़ने के लिए भटकते नजर आए। हरभजन सिंह और जहीर खान की सधी हुई गेंदों के आगे दोनों बल्लेबाज कई बार चकमा खा गए। विजय ने कुछ अच्छे शाट्स लगाए, लेकिन 26 रन बनाकर आउट हो गए। जल्द ही हेडन भी 31 गेंद पर 17 रन की बेहद धीमी पारी खेलकर आउट हुए। नंबर तीन पर उतरे सुरेश रैना ने अपने अंदाज दिखाए और पारी को पटरी पर लाए। बद्रीनाथ (14), धोनी (22), एल्बी मॉर्कल (15) ने रैना का बारी-बारी से साथ दिया। मगर असली आकर्षण रैना की पारी का रहा।
रैना ने शुरुआत धीमी की, मगर धोनी का साथ मिलते ही तेवर बदल दिए। धोनी ने अच्छे हाथ दिखाए। वहीं रैना ने 15वें ओवर में जहीर खान की गेंद पर एक चौका और एक छक्का मारा। इसके अगले ही ओवर में रैना ने फिर दो लंबे छक्के उड़ा दिए। दिलहारा फर्नांडो की बॉल पर चौका मारकर रैना ने हाफसेंचुरी पूरी की। रैना 35 गेंद पर 57 रन बनाकर नाबाद रहे और चेन्नई का स्कोर 168 रन तक पहुंचा।
जवाब में मुंबई की शुरुआत खराब रही और शिखर धवन बिना खाता खोले लौ गए। सचिन तेंदुलकर और अभिषेक नायर ने पारी को संभाला। मुंबई की पारी पटरी पर आ ही गई थी कि नायर (27) को धोनी ने रनआउट कर दिया। मुंबई ने बड़ा प्रयोग करते हुए हरभजन सिंह को नंबर चार पर उतारा। भज्जी एक रन बनाकर आउट हो गए। इन दो विकेटों ने पारी की लय बिगाड़ दी। अच्छी लय में दिख रहे सचिन पर भी दबाव आ गया। 15वें ओवर में आखिरकार मास्टर ने भी विकेट खो दिया। सचिन 45 बॉल पर 48 रन बनाकर आउट हुए और मुंबई की पारी का पतन हो गया। अंबाती रायडू (21) और कीरोन पोलार्ड (27) ने कोशिश की, पर टीम को मंजिल तक नहीं पहुंचा सके। मुंबई नौ विकेट खोकर 20 ओवर में 146 रन ही बना सकी। 22 रन की जीत के साथ चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल-3 के चैंपियन का ताज पहना। रैना ने हाफसेंचुरी जमाने के साथ ही हरभजन सिंह का कीमती विकेट भी लिया। वो मैच के हीरो बने। सचिन तेंदुलकर 618 रन के साथ टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ रहे और मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी।