ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है- अलम्मा इकबाल के लिखे इस मशहूर शेर को बखूबी मुकम्मल करता है कुलवंत खेजरोलिया का संघर्ष। कुलवंत बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। वह घरेलू क्रिकेट में दिल्ली की तरफ खेलते हैं। कभी गोवा एक रेस्टोरेंट में पेट पालने के लिए नौकरी करते थे। आज कुलवंत लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। वेटर से क्रिकेटर तक का सफर कुलवंत के लिए काफी मुश्किल भरा रहा। आइये आपको बताते हैं कुलवंत के संघर्ष की कहानी के बारे में।
इसके बाद कुलवंत बोरिया बिस्तर समेटकर दिल्ली आ गए। हालांकि, कुलवंत घरवालों को ये कहकर दिल्ली आए कि वह जॉब के लिए अहमदाबाद जा रहे हैं।
परिवारवालों से बोला झूठ
दिल्ली आकर कुलवंत ने एलबी शास्त्री एकेडमी ज्वाइन की। उस समय कुलवंत के पास खेलने के लिए जूते तक नहीं थे। कोच संजय भारद्वाज ने उन्हें जूता खरीदकर दिया था। जिस तरह सचिन के लिए रमाकांत आचेरकर हैं। उसी तरह कुलवंत के लिए उनके संजय सर।
एलबी शास्त्री एकेडमी ज्वाइन
कुलवंत राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। साल 2015 में वह गोवा के एक रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी करते थे। ये रेस्टोरेंट कुलवंत के दोस्त की थी।लेकिन, वह यहां ज्यादा दिन ठहर नहीं पाए। कुलवंत को पता चल गया कि उनकी असली मंजिल कहीं और है।
वेटर का करते थे काम
इस मैच में कुलवंत ने लाजवाब प्रदर्शन किया और टीम को जीत दिलाई।इसके बाद वह तुरंत दिल्ली टी-20 क्रिकेट टीम में चुने गए।
दिल्ली क्रिकेट टीम में हुआ चयन
साल 2017 में कुलवंत का चयन एक मैच खेलने के लिए मुंबई में हुआ था। दरअसल, दिल्ली में क्रिकेट कैंप के दौरान एक चयनकर्ता ने उन्हें गेंदबाजी करते देखा था। इससे वह काफी इम्प्रेस हुए थे।
मुंबई आए थे खेलने
साल 2017 में ही कुलवंत को मुंबई इंडियंस ने 10 लाख की रकम में अपनी टीम में शामिल किया। ये कुलवंत के लिए नई जिंदगी से कम नहीं था।
मुंबई इंडियंस ने खरीदा था
कुलवंत ने मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल खिताब भी जीते। इसके बाद उन्हें घरेलू क्रिकेट में भी खेलना का खूब मौका मिला।
आईपीएल खिताब
इसी साल कुलवंत को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने अपने टीम में शामिल किया। अब वह विराट कोहली की कप्तानी में खेलेंगे।
विराट की कप्तानी में खेलेगा