इंडियन प्रीमियर लीग के आगाज के वक्त से ही कोलकाता नाइड राइडर्स सबसे हाई-प्रोफाइल टीमों में से एक थी। शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार इस टीम के मालिक थे, तो सौरव गांगुली के हाथ में कमान। टीम ने आईपीएल में आगाज भी धमाकेदार अंदाज में किया। लेकिन जैसे-जैसे आईपीएल का कारवां आगे बढ़ा, कोलकाता पिछड़ती चली गई। बहरहाल साल 2012 तक टीम की सूरत काफी बदल चुकी थी। अब ग्लैमर पीछे और खेल आगे था। कमान भी गौतम गंभीर के हाथ में आ चुकी थी। इस बदलाव के बीच कोलकाता ने आखिरकार वो कर दिखाया जो इस टीम के हर फैन की चार साल से चाहत थी। टीम ने आईपीएल-5 के चैंपियन का ताज पहना, वो भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली मजबूत चेन्नई सुपरकिंग्स को हराकर।
चेन्नई के चिदंबरम स्टेडियम पर हुए फाइनल में चेन्नई ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। चेन्नई के धाकड़ बैटिंग लाइनअप ने कप्तान धोनी का ये फैसला पूरी तरह सही साबित कर दिया। ओपनर माइक हसी और मुरली विजय का पहले ही ओवर में सामना तूफानी ब्रेट ली से हुआ। ली ने इस ओवर में सिर्फ तीन रन दिए। अगले ही ओवर में साकिब-उल-हसन ने भी तीन रन ही दिए। लेकिन मैच ने रफ्तार पकडी तीसरे ओवर से। ब्रेट ली की लगातार 145 किमी प्रतिघंटे या उससे ज्यादा की रफ्तार वाली गेंदों पर हसी और विजय दोनों ने चौके लगाए। इसके साथ ही इस जोड़ी ने रफ्तार पकड़ी ली और देखते-देखते 10.2 ओवर में 87 रन जोड़ दिए। इस स्कोर पर विजय 42 रन (32 बॉल) बनाकर आउट हुए। विजय के जाने से कोलकाता राहत की सांस लेता इससे पहले ही सुरेश रैना ने धमाका शुरू कर दिया। रैना ने अपनी चौथी बॉल पर लंबा छक्का जड़ा। 14वें ओवर में फिर दो चौके और मिडविकेट पर एक छक्का लगाया। ब्रेट ली और सुनील नरैन को भी रैना ने मिडविकेट पर छक्के जड़ दिए। 27 बॉल पर रैना ने धमाकेदार पचासा पूरा किया। हसी 54 रन बनाकर आउट हुए, तो धोनी क्रीज पर आए। आते ही कप्तान ने दो चौके लगाए। रैना का कहर भी जारी रहा और पारी की आखिरी गेंद पर आउट होने से पहले 38 बॉल पर 73 रन ठोके। चेन्नई ने 20 ओवर में 190 रन का स्कोर किया।
कोलकाता को पहली बार चैंपियन बनने के लिए 191 रन की दरकार थी और पहले ओवर में ही उन्हें बड़ा झटका लग गया। कप्तान गौतम गंभीर 2 रन बनाकर बोल्ड हो गए। लेकिन केकेआर के तेवर आज अलग थे। युवा मनविंदर बिस्ला और अनुभवी जैक कैलिस ने गंभीर के विकेट के बाद दबाव नहीं बनने दिया। बिस्ला ने मॉर्कल के ओवर में चार चौके जड़े और अश्विन के ओवर में दो लंबे छक्के लगाए। 27 बॉल पर जोरदार पचासा ठोक बिस्ला कोलकाता को मैच में वापस ला चुके थे। कैलिस भी उनका साथ दे रहे थे और 39 बॉल पर 50 रन किए। दूसरे विकेट के लिए 136 रन की साझेदारी बिस्ला (89 रन, 48 बॉल) के आउट होने के साथ टूटी। बिस्ला की शानदार पारी के दम पर कोलकाता मैच में जीत के काफी करीब आ चुका था। लेकिन चेन्नई ने लक्ष्मी रतन शुक्ला (3) और यूसुफ पठान (1) के विकेट जल्दी-जल्दी लेकर मैच में वापसी की।
19वें ओवर में कैलिस 69 रन बनाकर आउट हुए और मैच और भी रोमांचक हो गया। आखिरकार आखिरी ओवर में कोलकाता को जीत के लिए 9 रन की दरकार रही। शाकिब और मनोज तिवारी क्रीज पर थे और गेंद ड्वेन ब्रावो के हाथ में थी। मनोज तिवारी ने तीसरी और चौथी गेंद पर लगातार दो चौके जड़े और कोलकाता जश्न में डूब गया। 2008 से कोरबो, लोरबो की तर्ज पर चल रही नाइड राइडर्स को आखिरकार जीतबो का भी स्वाद मिला। पहली बार कोलकाता नाइड राइडर्स ने आईपीएल का खिताब अपने नाम किया।