कहा जाता है कि अगर इंसान में संघर्ष और कठिन मेहनत करने की क्षमता हो तो दुनिया में ऐसा कोई मुकाम नहीं है जिसे हासिल ना किया जा सके। क्रिकेट की दुनिया में भी कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी सफलता की दास्तान सुनकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी। दरअलस ये पूरी कहानी है भारतीय क्रिकेटर नाथू सिंह की, जो बेहद गरीब परिवार से तालुक रखते हैं। जिनके पिता एक वायर फैक्ट्री में काम करने वाले करमट मजदूर है। लेकिन चंद हजार रुपये में भी पिता ने कभी उनके बोझ का एहसास अपने परिवार पर नहीं होने दिया। बेटे के हर सपने को पूरा करने के लिए वह खून और पसीने की कमाई में आटे की तरह पिसते रहे और वही बेटा उनके रहने के लिए करोड़ो का महल बनवा रहा।
बचपन के दौर में बेटे ने जब खेलने के लिए जूते खरीदने की बात कही थी तो जूते के दाम सुनकर पिता के पैरो तले जमीन खिसक गई। जिस इंसान के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना ही मुश्किल था वो भला इतने महंगे जूते कैसे खरीद सकता था। लेकिन बेटे के सपनो के आगे बाप का दिल पिघल गया और उसके ख्वाब को पूरा करने के लिए उन्होनें दो शिफ्टों में काम करना शुरु कर दिया। जब इससे से काम नहीं बना तो पिता ने बाजार से ब्याज़ में पैसे उधार ले लिए और अपने बेटे को जूते दिलवाए ताकि वो अपने सपनों की उड़ान भर सके।
घर बेचने को तैयार थे पिता
आईपीएल ने कई खिलाड़ियों की तकदीर लिखी है। नाथू सिंह भी इन्हीं में से एक हैं। नाथू ने एक इंटरव्यू में बताया कि एक बार उन्हें खेलने के लिए जूते चाहिए थे, जिनकी कीमत हजारों में थी। पिता के पास पैसे नहीं थे तो उन्होंने बाजार से ब्याज पर पैसे उठाए और उन्हें पांच हजार के जूते दिलवाए। नाथू के मुताबिक, ‘उन्हें घर भी चलाना होता था और मेरे खर्च भी। उन्होंने हमेशा मुझसे कहा, जो तू कर रहा है, बस मन भर के कर। मैं तेरे लिए सबकुछ करूंगा,चाहे मुझे घर क्यों ना बेचना पड़े।’
आईपीएल से चमकी किस्मत
यह पिता के बलिदान और अपने बेटे की हर मंशा को पूरा करने की ही हिम्मत थी जिसने नाथू को रातोंरात स्टार बना दिया। ऑक्शन के दौरान महज़ 10 लाख के बेस प्राइज वाले नाथू सिंह की किस्मत उस वक्त चमकी जब मुंबई इंडियंस ने उन्हें 3.2 करोड़ के दाम में खरीद लिया। वहीं पिछले सीजन गुजरात लायंस ने उनको 50 लाख रुपये में खरीदा।
बेटा बनवा रहा सपनों का महल
पिता की हर कसौटी पर खरे उतरने वाले नाथू सिंह आज करोड़ो में खेल रहे। पिता का बलिदान और संघर्ष के सफर में उनका योगदान ये दोनों ही नाथू के ज़हन में कैद है। शायद यही वजह है कि नाथू अब अपने पिता के लिए करोड़ो का महल तैयार करवा रहे। ये घर उनके पुश्तैनी मकान को तोड़कर ही बनवाया जा रहा।