क्रिकेट के खेल में फील्डिंग पांबदी जिसे पॉवरप्ले भी कहा जाता है, नियम साल 1996 में आईसीसी ने वनडे क्रिकेट को और भी आकर्षित बनाने के लिए लागू किया गया था। पहले यह 15 ओवर का हुआ करता था जहां खिलाड़ी बड़े ही धूम-धड़ाके के साथ बल्लेबाज़ी करते थे लेकिन बाद के बचे हुए ओवरों में खेल नीरस पड़ जाता था। इसे देखते हुए साल 2005 में आईसीसी ने नया नियम लागू किया। नए नियम के तहत ओवरों की सीमा को 15 ओवर से बढ़ाकर 20 ओवर का कर दिया गया। इन 20 ओवरों को तीन हिस्सों में बांटा गया। अनिवार्य पावरप्ले, बॉलिंग पावरप्ले और बैटिंग पावरप्ले। यह टेस्ट क्रिकेट के बजाय सीमित ओवर और टी20 क्रिकेट में लागू होता है। इस दौरान बल्लेबाज़ इनफील्ड के ऊपर से बॉल उठाकर शुरू के ओवरों में चौकों-छक्कों की जमकर बरसात करते हैं। आईये जानते हैं अब तक के पॉवरप्ले के सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ कौन रहे हैं।
दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ में गिने जाने वाले कैरिबियाई ओपनर क्रिस गेल के तूफान से हरकोई परिचित है, इनका बल्ला जब चलता है तो आग ऊगलता है। क्रिस गेल की गिनती उन खिलाड़ियों में होती हैं जो संभलकर खेलना ही नहीं जानते, फिर चाहे वो वनडे हो या टी20 क्रिकेट। गेल अपने ऊंचे कद का इस्तेमाल कर आसानी से गेंद को बॉउंड्री के बाहर भेज देते हैं। क्रिस गेल के नाम टी20 क्रिकेट में सबसे तेज़ शतक (30 गेंद, आईपीएल) लगाने का रिकॉर्ड है, वहीं उनके नाम आईपीएल में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर(175 रन) बनाने का भी रिकॉर्ड है।
क्रिस गेल
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ एडम गिलक्रिस्ट दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर होने के अलावा विस्फोटक ओपनर के रुप में जाने जाते थे। गिलक्रिस्ट शुरुआती दौर से गेंदबाज़ों पर ऐसा प्रहार करते थे कि उनसे बड़े-बड़े गेंदबाज़ खौफ खाते थे। पॉवरप्ले के दौरान गिलक्रिस्ट का कोई जवाब नहीं था, वह तेज़ शुरुआत के बाद क्रीज़ पर ज्यादा देर टिकने पर और भी विस्फोटक हो जाते थे।
एडम गिलक्रिस्ट
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग जैसा विध्वंसक बल्लेबाज़ शायद ही कभी पैदा हुआ होगा। पहली गेंद से गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा देने वाले इस बल्लेबाज़ ने कभी रोक कर खेलना नहीं सीखा था। पॉवरप्ले के दौरान तो सहवाग आक्रमक रुप अख्तियार करते हुए बाउंड्री की लाइन लगा देते थे। कई दफा तो उन्हें मैच की पहली गेंद पर ही चौका जड़ते भी देखा गया है। सहवाग की तूफानी बल्लेबाज़ी के सामने अच्छे-अच्छे गेंदबाज़ों की लाइन लेंथ बिगड़ जाती थी।
वीरेंद्र सहवाग
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज़ हर्षल गिब्स अपने समय के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज़ों में से एक हैं। हर्षल गिब्स अपने दौर में पावर प्ले के सबसे बड़े खिलाड़ियों में शुमार किए जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच 12 मार्च 2006 में एक एतिहासिक मुकाबला खेला गया था, जो क्रिकेट के अब तक के सबसे रोमांचक मैचों में से एक है। 5 मैचों की सीरीज़ में दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थी और फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 453 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया था। इस मैच में हर्षल गिब्स ने अपनी ताकतवर बल्लेबाजी से गेंदबाजों के पसीनें छुड़ा दिए थे। उन्होंने 111 गेंदों में 175 रनों की विस्फोटक पारी खेली जिसमें 27 चौके और 7 छक्के शामिल थे। गिब्स की मैच जिताऊ पारी के दम पर दक्षिण अफ्रीका ने 1 विकेट शेष रहते ही यह मैच जीत लिया था।
हर्षल गिब्स
श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनथ जयसूर्या ने पॉवरप्ले के दौरान तेज़ खेलने की प्रथा की शुरुआती की थी। उन्हें फील्डिंग पाबंदी के दौरान विस्फोटक बल्लेबाज़ी के चलन की शुरुआत करने वाला जनक कहा जा सकता है। सनथ जयसूर्या ने पॉवरप्ले का साल 1996 के विश्व कप में जमकर फायदा उठाया था।
सनथ जससूर्या