श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए टीम इंडिया में शामिल किए गए युवा खिलाड़ी विजय शंकर को दूसरे हार्दिक पांड्या के रुप में देखा जा रहा है। हार्दिक पांड्या की तरह विजय भी एक ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं जो बल्ले और गेंद दोनों से कई बार कमाल कर चुकें हैं। हालांकि अंतराष्ट्रीय स्तर पर इस खिलाड़ी को जानने वाले लोग बहुत कम है लेकिन घरेलु सीजन में विजय अपने प्रदर्शन के दम पर लोहा मनवा चुकें हैं।
विजय भी हार्दिक पांड्या की तरह एक मध्यम गति के मीडियम पेस गेंदबाज़ हैं। घरेलु क्रिकेट की बात करें तो साल 2012-13 के बाद से घरेलू क्रिकेट में 1500 से ज्यादा रन बनाए हैं वहीं गेंद से कमाल करते हुए 25 से ज्यादा विकेट चटकाए। फर्स्ट क्लास मैचों में विजय ने 32 मैचों में 49.14 के औसत से 1,671 रन बनाए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में विजय ने 5 शतक, 10 अर्धशतक लगाए हैं। इसके अलावा उन्होंने 42.81 के औसत से 27 विकेट भी अपने नाम किए हैं।
घर की छत से हुई क्रिकेट की शुरुआत
विजय बचपन से अपने भाई अजय और उनके पिता के साथ अपने घर की छत पर क्रिकेट का अभ्यास किया करते थे। शंकर 20 वर्ष तक एक ऑफ स्पिनर थे, लेकिन बेहतरीन स्पिनरों से लैस तमिलनाडु की टीम में जगह बनाने के लिए वह एक मध्यम गति के गेंदबाज़ में तब्दील हुए।
कैसा रहा डेब्यू ?
विजयी शंकर ने बैंगलोर में फरवरी 2012 में विजय हजारे ट्रॉफी लिस्ट ए मैच में तमिलनाडु से अपने करियर की शुरुआत की। अपने पहले मैच में विजय के बल्ले से सिर्फ 6 रन बने और 4 ओवर में एक भी विकेट झटकने में कामयाब नहीं रहे। हालांकि, उनकी प्रथम श्रेणी में धमाकेदार शुरुआत हुई और उसी वर्ष रणजी ट्रॉफी में अपनी पहली पारी में नाबाद 63 रन बनाने के साथ गेंद से भी कुछ विकेट झटके।
2014-15 रणजी में चमके थे विजय शंकर
2014-15 के सत्र में शंकर उस वक्त सबकी नज़र में आए, जब उन्होंने रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट चरण में 111, 82, 91 और 103 रन बनाए। सीजन के फाइनल मुकाबले में शंकर ने कर्नाटक के खिलाफ 103 रन की यादगार पारी खेली थी। हालांकि, करुण नायर के 328 रन की बेजोड़ पारी की बदौलत कर्नाटक ने एक पारी से फाइनल में विजय हासिल की। उन्होंने 7 मैचों में 57.70 के साथ 577 रन बनाए, जिसमें दो शतक और तीन अर्द्धशतक शामिल हैं । यह शंकर का रणजी ट्रॉफी में सबसे उत्कृष्ट सत्र रहा। इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया (2015) और न्यूजीलैंड (2017) के लिए भारत ए में शामिल किया गया था।
आईपीएल में चेन्नई और हैदराबाद से खेल चुकें हैं विजय
आईपीएल के तीन सीजन में शंकर को चेन्नई सुपरकिंग्स की ओर से सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला। लेकिन 2017 में सनराइजर्स हैदराबाद को अपनी टीम में शामिल किया जहां वो बेहद प्रभावी साबित हुए। हैदराबाद के लिए अपने 4 मैचों में, शंकर ने 50.50 की औसत से 101 रन बनाए, जिसमें कानपुर में गुजरात लायंस के खिलाफ 44 गेंदो पर 63 रन उनकी यादगार पारियों में से एक है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि हार्दिक पांड्या ने जो मुकाम हासिल किया है उसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और खेल के प्रति जुनून छुपा है। लेकिन आपको जानकर यह हैरानी होगी कि पांड्या के अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री की बड़ी वजह विजय शंकर ही हैं।
साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए विजय को इंडिया ‘ए’ की टीम में चयन किया गया था लेकिन किसी कारणवश वह उस दौरे पर नहीं जा पाए। जिसके बाद चयनकर्ताओं ने ऑलराउंडर के तौर पर हार्दिक पांड्या के नाम पर मुहर लगाई और उन्हें खेलने का मौका मिला। इस मौके को भुनाने हुए पांड्या ने अपने शानदार खेल को जारी रखा और टीम इंडिया में जगह बनाई और आज वह सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर में गिने जाते हैं।