साल 2008 में केविन पीटरसन की कप्तानी में इंग्लैण्ड की टीम भारत आई तो क्रिकेट फैन्स को काफी रोचक मुकाबलों की उम्मीद थी। पर हुआ कुछ और ही। भारत ने वनडे सीरीज में इंग्लैण्ड का 5-0 से सूपड़ा ही साफ कर दिया। लगातार चार मैच हारने के बाद इंग्लैण्ड को कटक में हो रहे पांचवें मैच से कुछ उम्मीदें थीं।
कप्तान पीटरसन ने ही मोर्चा संभाला और शानदारा शतक ठोका। 128 बॉल पर 111 रन बनाकर केविन अंत तक टिके रहे। ओवेस शाह ने भी 57 बॉल पर नाबाद 66 रन ठोके और इंग्लैण्ड ने 270 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया।
जवाब में भारत को वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर की खतरनाक जोड़ी ने धमाकेदार शुरुआत दी। दोनों ने 19.5 ओवर में 136 रन ठोक डाले। सहवाग ने 41, तो सचिन ने 54 बॉल पर हाफसेंचुरी पूरी की। सचिन (50) पचासा बनाते ही स्टीव हर्मिसन की बॉल पर बोल्ड हो गए। जल्दी ही युवराज सिंह (6) पवेलियन लौट गए। टीम के स्कोर में अभी एक भी रन और नहीं जुड़ा था कि वीरू (91 रन, 73 बॉल) भी शतक से नौ रन पहले स्टुअर्ट ब्रॉड की बॉल पर एलबीडब्ल्यू हो गए। भारत को किसी भी अनहोनी से बचाने का काम फिर संभाला कप्तान धोनी ने। और उनका साथ दिया सुरेश रैना ने। दोनों ने 94 रन की साझेदारी कर भारत की जीत लगभग पक्की कर दी। जब धोनी 61 बॉल पर 50 रन बनाकर आउट हुए, तब मैच भारत की पकड़ में आ चुका था। जीत की औपचारिकता रैना (53 रन, 53 बॉल) ने पूरी कर दी।
भारत ने मैच तो छह विकेट से जीता ही, साथ ही इंग्लैण्ड को भी बुरी तरह धूल चटा दी। मुंबई आतंकवादी हमले के कारण सीरीज के आखिरी दो वनडे नहीं खेले गए। इस तरह सात मैचों की सीरीज में पांच मैच ही हुए और भारत ने सीरीज 5-0 से अपने नाम की।