इंग्लैंड के लिए साल 2009 से 2011 तक वनडे टीम की कप्तानी करने वाले एंड्रयु स्ट्रॉस की अगुवाई में भले ही इंग्लैंड टीम कोई बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर पाई। लेकिन क्रिकेट मैदान पर अपनी दरियादिली से वो पूरी क्रिकेट बिरादरी का दिल जीत चुके हैं।
साल 2009 चैंपियंस ट्रॉफी के कुछ दिन पहले ही एंड्रयु स्ट्रॉस टीम के कप्तान बने थे। टूर्नामेंट के पहले मैच में इंग्लैंड श्रीलंका के साथ खेला। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका ने एक समय 39वें ओवर में 166/6 का स्कोर बना लिया था और एंजलो मैथ्यूज अपने अर्द्धशतक से महज़ एक रन की दूरी पर थे।
लेकिन इसी बीच जब मैथ्यूज रन लेने के लिए दौड़े तो वह गेंदबाज ओनियंस से टकरा गए और इस गहमा-गहमी में विकेटकीपर मैट प्रायर ने उन्हें रन आउट कर दिया। इसको देखकर बल्लेबाज मैथ्यूज ने अपनी नाखुशी जाहिर की, लेकिन फिर वह उल्टे पांव पवेलियन की ओर जाने लगे। यह देखकर स्ट्रॉस अंपायरों के पास गए और उनसे चर्चा करने के बाद उन्होंने मैथ्यूज को वापस बुलवा लिया। हालांकि इसका मैथ्यूज कुछ खास फायदा नहीं उठा सके और अगले ही ओवर में राइट की गेंद पर प्रायर को कैच दे बैठे। मैथ्यूज ने 52 रनों का स्कोर किया।
अंततः श्रीलंका 212 रनों पर ऑलआउट हो गई। जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड ने भले ही अपने शुरुआती दो विकेट 19 रनों के कुल योग पर गंवा दिए। लेकिन इसके बाद संभलते हुए ओवेश शाह के 44, पॉल कॉलिंगवुड के 46 और इयोन मॉर्गन के 62 रनों की बदौलत इंग्लैंड ने स्कोर 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस मैच में भले ही स्ट्रॉस नौ रन बनाकर आउट हो गए। लेकिन मैथ्यूज को मैदान में वापस बुलाने को लेकर उनकी बहुत प्रशंसा हुई।