विनोद कांबली को दुर्भाग्यशाली क्रिकेटरों में गिना जाता है जो सचिन तेंदुलकर जैसे प्रतिभावान होने के बावजूद भी वो सबकुछ हासिल नहीं कर सके जिसके वे हकदार थे। इंटरनेशनल क्रिकेट में आगाज तो उन्होंने शानदार तरीके से किया लेकिन वह इस प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख पाए। बीच- बीच में कुछ मौके मिले मगर कभी किस्मत ने साथ नहीं दिया तो कभी चोट के चलते टीम से बाहर होना पड़ा।
एक मौका तो ऐसा भी आया जब कांबली मैदान से रोते हुए बाहर गए। 1996 के विश्व कप सेमीफाइनल में भारत और श्रीलंका कोलकाता के इडेन गार्डन के मैदान में एक दूसरे के आमने सामने थी। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी कर 251 रनों का स्कोर बनाया और भारत के सामने जीत के लिए 252 रनों की चुनौती रखी।
जवाब में भारतीय टीम ने शानदार शुरूआत की। एक समय भारतीय टीम ने 1 विकेट पर 98 रन बना लिये थे। मगर यहीं से भारतीय पारी का पतन शुरू हुआ और भारतीय टीम 120 रनों पर 8 विकेट गंवा कर मैच हारने की स्थिति में पहुंच गई थी। विनोद कांबली के साथ अनिल कुंबले विकेट पर टिके हुए थे।
तभी दर्शकों ने मैदान पर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। उन्होंने श्रीलंकाई खिलाड़ियों पर बोलतें फेंकनी शुरू कर दी। जिसके बाद मैच रेफरी क्लाइव लॉयड ने मैच में श्रीलंकाई टीम को विजयी घोषित कर दिया। कांबली इस हार से इतने निराश हुए थे कि वह विकेट से पवेलियन तक रोते हुए लौटे थे।
बाद में एक इंटरव्यू के दौरान कांबली ने इस मैच के फिक्स होने की आशंका जताई थी। उनका कहना था कि मैच के दौरान जो कुछ प्लान किया गया था वह सब नहीं किया गया और कई आश्चर्यजनक फैसले लिये गए थे। मगर टीम के उनके अन्य साथियों ने कांबली के इस आरोपों से इंकार किया था।