साल 2002 में क्रिकेटर हरभजन सिंह की गुवाहाटी में टीम होटल के बाहर पुलिस से झड़प हो गई थी। इस समय भज्जी पंजाब पुलिस के साथ सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस(एसपी) की पोस्ट पर पदस्थ थे और गुवाहाटी टीम इंडिया के साथ मैच खेलने के लिए गए थे। दरअसल, इस दौरान जब भज्जी ने फोटोग्राफर्स को होटल के भीतर आने से मना किया तो उनके और पुलिस के बीच ठन गई और पुलिस और भज्जी के बीच तनातनी हुई। इसमें हरभजन सिंह चोटिल भी गए थे। इस घटना के बाद टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली ने कहा था कि वह जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला जाने वाला मैच नहीं खेलेंगे। बाद में स्थानीय अधिकारियों और ऑर्गनाइजर्स के मान- मनौव्वल के बाद दोनों को मनाया और मैच करवाया।
बाद में भज्जी इस मैच में खेले और कमाल कर दिया। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 6 विकेट पर 333 का स्कोर बनाया था। दिनेश मोंगिया ने 159 रनों की पारी खोली थी वहीं युवराज सिंह ने धुआंधार 52 गेंदों में 75 रन बनाए थे। जवाब में जब जिम्बाब्वे बल्लेबाजी के लिए उतरी तो जहीर खान और हरभजन सिंह के आगे वे शुरू से अंत तक पंगु नजर आए। हरभजन ने इस मैच में सर्वाधिक 33 रन देकर चार विकेट लिए थे। वहीं, जहीर ने 29 रन देकर तीन विकेट निकाले थे। इस तरह अपने दमदार प्रदर्शन के दमपर हरभजन ने पुलिसिया अधिकारियों को जवाब दिया था।
हरभजन के पिता की मृत्यु साल 2000 में हो गई थी। इसके बाद वह अपने परिवार के मुखिया बन गए थे। इसके बाद उन्होंने अपनी बहनों की शादियां कीं। साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके शानदार प्रदर्शन के बाद पंजाब सरकार ने उन्हें 5 लाख रुपए, एक प्लॉट, और पंजाब पुलिस में एसपी बनने के लिए ऑफर दिया था। जिसे हरभजन से स्वीकार कर लिया था।