रॉयल्स चैलेंजर्स बैंगलोर टीम के अनुभवी खिलाड़ी पार्थिव पटेल के जीवन में फिलहाल सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल, पार्थिक के पिता इन दिनों अस्पताल में ब्रेन हैमरेज से ज़िन्दगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पार्थिव के पिता अजय पटेल ब्रेन हैमरेज की वजह से अहमदाबाद में फरवरी से ही अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में पार्थिव उनके लिए काफी फिक्रमंद हैं। यही वजह है कि आईपीएल के उनके हर मैच के बाद वो अहमदाबाद जाते हैं और अगला मैच शुरू होने से पहले वो वापिस अपनी टीम के साथ जुड़ जाते हैं।
इसके लिए पार्थिव को टीम मैनेजमेंट की तरफ से ख़ास तौर पर अनुमति मिली हुई है। आईपीएल के बेहद व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद वो अपने पिता का हाल-चाल जानने के लिए समय निकाल रहे हैं। गौरतलब है कि फरवरी में पार्थिव ने ट्विटर पर इस बात की जानकारी थी कि उनके पिता की सेहत ख़राब है। इस बारे में उन्होंने लिखा था “कृपया मेरे पिता के लिए दुआ कीजिए। वो ब्रेन हैमरेज से पीड़ित हैं।”
दो महीने बाद भी पार्थिव के पिता अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। इस मामले पर अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पार्थिव ने कहा “जब मैं खेल रहा होता हूं तो मेरे दिमाग में कुछ भी नहीं चलता, लेकिन एक बार मैच खत्म होने के बाद मेरा दिल घर पर पहुंच जाता है। दिन की शुरुआत पिता की सेहत के बारे में पूछने से होती है। डॉक्टरों के साथ संपर्क में रहते हुए, कभी-कभी मुझे कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने पड़ते हैं। मेरी पत्नी और मां घर पर हैं, लेकिन जब कोई अंतिम निर्णय लेने की बात आती है, तो मेरी स्वीकृति मांगी जाती है। जैसे- क्या हमें कुछ दिनों के लिए वेंटिलेटर बंद करना चाहिए, या कितना ऑक्सीजन दिया जाना चाहिए। इस तरह के निर्णय लेना बहुत कठिन हैं।”
उन्होंने आगे कहा “मुझे याद है कि पिता एक दिन अचानक गिर गए थे। उसके अगले 12 दिन तक मैं उनके साथ ICU में था। मैं 10 दिन के लिए घर भी नहीं जा पाया था। तब मुश्ताक अली टूर्नामेंट हो रहा था और मैं टूर्नामेंट के बहुत सारे मैचों में खेलने से चूक गया था। दरअसल, जब हम खेल रहे होते हैं तो हमारे पास मोबाइल फोन नहीं होते हैं। एक बार जब मैं मैच में शामिल हो जाता हूं, तब घर का किसी भी प्रकार का विचार मेरे दिमाग में नहीं आता, लेकिन एक बार जब खेल खत्म हो जाता है और मैं ड्रेसिंग रूम में वापस आ जाता हूं, तो मैं अपने पिता के बारे में लगातार सोच रहा होता हूं।”