दुनिया की आठ टॉप टीमों के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब हासिल करने के लिए गुरुवार से संघर्ष शुरू हो गया है। 1 जून से 18 जून तक चलने वाली चैंपियंस
ट्रॉफी में कई टीमों को खिताब जीतने का मुख्य दावेदार माना जा रहा है। इनमें से प्रमुख चार टीम इंग्लैंड,साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और भारत हैं। इंग्लैंड पहले ही साउथ अफ्रीका को तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में हराकर अपना दम दिखा चुकी है। वहीं स्टार खिलाड़ियों वाली साउथ अफ्रीका में ऐसे तमाम खिलाड़ी हैं जिनके रुतबे से सब वाकिफ हैं। टूर्नामेंट में दो बार चैंपियन रही ऑस्ट्रेलिया दुनिया की सबसे मज़बूत टीमों में से एक है। भारत को पहले ही कई क्रिकेट दिग्गज़ इस बार के खिताब का विनर बना चुके हैं। आइए जानते हैं क्यों ये चार टीमें बन सकती है इस साल की चैंपियन।
इंग्लैंड – इंग्लैंड अपने घर में काफी खतरनाक है और उसने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज जीती है। इयान मॉर्गन की अगुवाई में टीम काफी संतुलित नज़र आ रही। टीम में शानदार बल्लेबाजों के साथ बेहतरीन ऑलराउंडर भी हैं। शुरुआती क्रम में टीम के पास एलेक्स हेल्स, जेसन रॉय जैसे विस्फोटक बल्लेबाज़ हैं। इसके बाद अनुभवी जो रुट,जॉनी बेयरस्टो और कप्तान इयान मॉर्गन की जोड़ी दबाव में भी अच्छा प्रदर्शन करने की कुव्वत रखती है। बेन स्टोक्स और मोइन अली जैसे ऑलराउंडर गेंद के साथ-साथ बल्ले से भी कमाल दिखा चुके हैं। आईपीएल के फाइनल तक पहुंचने वाली टीम राइजिंग पुणे सुपरजाइंट बेन स्टोक्स की गैरमौजूदगी को फाइनल में हारने की बड़ी वजह मानती है। पेस अटैक के मामले में टीम के पास क्रिस वोक्स, लियाम प्लंकेट, मार्क वुड, जेक बॉल जैसे गेंदबाज अपनी रफ्तार और लाइन लेंथ से इंग्लैंड की सरजमीं पर धमाल मचा सकते हैं। ऐसे में वो इस खिताब की प्रबल दावेदार है।
ऑस्ट्रेलिया – दो बार चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्ज़ा करने वाली ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज़ी के अलावा गेंदबाज़ी से भी मैच का रुख बदलने का माद्दा रखती है। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 2006-07 और 2009-10 में खिताब अपने नाम किया था। टीम की सबसे बड़ी ताकत उनके कप्तान स्टीव स्मिथ हैं, जो हर परिस्थिति के हिसाब से अपने आपको ढालना जानते हैं। उनके अलावा सलामी बल्लेबाज़ डेविड वॉर्नर बेहतरीन फॉर्म में हैं। उन्हें हाल ही में आईपीएल में ऑरेंज कैप से नवाज़ा गया था। हालांकि वार्नर के साथ ओपनिंग करने आरोन फिंच या क्रिस लिन में से किसी एक को ही मौका मिलेगा। तूफानी बल्लेबाज़ ग्लेन मैक्सवेल भी किसी भी बॉलिंग अटैक को धवस्त करने में माहिर हैं। ख़ास बात यह है कि इस टीम की तेज़ गेंदबाज़ों की चौकड़ी किसी भी टीम की धज्जियां उड़ा सकती है। टीम के पास मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और जेम्स पैटिंसन हैं।
साउथ अफ्रीका – एबी डिविलियर्स (कप्तान), हाशिम अमला, क्विंटन डि कॉक, फाफ डु प्लेसिस, जेपी डुमिनी, कगिसो रबाडा। यह टीम के वो खिलाड़ी हैं जिन्हें मैच विनर के नाम से पुकारा जाता है। स्टार खिलाड़ियों की टीम की सबसे बड़ी ताकत उनके कप्तान एबी डिविलियर्स हैं जो क्रिकेट के हर फॉर्मेट में अपना जलवा बिखेर चुके हैं। हाशिल अमला जैसे स्थिर बल्लेबाज़ क्रीज़ पर टिक कर लंबी पारी खेलने में उस्ताद हैं। फाफ डु प्लेसिस और डेविड मिलर जहां अपने बल्ले से तेज़ रन बनाना जानते हैं वहीं जेपी डुमिनी सही समय आने पर बड़े शॉट्स खेलने में माहिर हैं। वनडे रैंकिंग में टॉप गेंदबाज़ कगिसो रबाडा टीम के पेस अटैक को लीड करेंगे और उनके साथ मोर्ने मोर्केल और आदिले फेहलुकवायो की जोड़ी किसी भी टीम के परखच्चे उड़ा सकती है। फिरकी के बादशाह इमरान ताहिर और न्यू फेम केशव महाराज टीम को जल्द विकेट दिलाने में सफल रहे हैं।
भारत – टीम इंडिया मौजूदा चैंपियन है। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में 2013 में पहली बार टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा किया था। इसबार भी क्रिकेट जानकारों का मानना है कि टीम इंडिया के पास ही ट्रॉफी रह जाएगी। टीम के सभी खिलाड़ी शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। खुद कप्तान विराट कोहली अच्छे फॉर्म में हैं। दोनों अभ्यास मैच में टीम इंडिया शानदार जीत दर्ज की। न्यूजीलैंड के खिलाफ कप्तान कोहली ने शानदार पारी खेली, तो दूसरे अभ्यास मैच में शिखर धवन, दिनेश कार्तिक, हार्दिक पंड्या सहित पूरी टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन दिखाया। वहीं गेंदबाज़ी के मामले में इस बार भारत को सबसे मज़बूत आंका जा रहा। लंबे समय के बाद टीम में वापसी करने वाली स्विंग गेंदबाज़ मोहम्मद शमी ने पहले अभ्यास मैच में 3 विकेट लेने के साथ ही साबित कर दिया कि इंग्लैंड के मैदान पर भी वो विकेट उखाड़ सकते हैं। उनके अलावा भुवनेश्वर कुमार ,जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव की तिकड़ी भी पूरी लय में नज़र आ रही। भारत का संतुलित आक्रमण उसे चैंपियंस ट्रॉफी खिताब का प्रबल दावेदार बनाता है।