श्रीलंका में हाल ही में सम्पन्न हुए निदहास ट्रॉफी के फाइनल मैच में सौम्या सरकार की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर भारत को जीत दिलाने वाले दिनेश कार्तिक की तुलना इन दिनों पूर्व कप्तान धोनी से हो रही है। लेकिन खुद कार्तिक इसे सही नहीं मान रहे हैं। उनका मानना है, जिस यूनिवर्सिटी में वह पढ़ रहे हैं, धोनी उसके टॉपर रह चुके हैं।
बांग्लादेश के साथ हुए फाइनल मुकाबले में भारत को जीत के लिए आखिरी गेंद पर 5 रन बनाने थे, ऐसे में छक्के से कम भारत की किस्मत नहीं बदल सकती थी। ऐसे मौके पर कार्तिक स्ट्राइक पर थे और उन्होंने छक्का लगाकर भारत को खिताबी जीत दिला दी।
उसके बाद तकरीबन 14 वर्षों के करियर में कार्तिक को लेकर मीडिया पहली बार इतनी उतावली दिख रही है। उनकी तुलना धोनी और उन्हें टीम इंडिया का भविष्य का फिनिशर जैसी संज्ञा दी जाने लगी है। जिस पर कार्तिक ने बेहतरीन जवाब देकर सभी को हैरत में डाल दिया है।
कार्तिक ने धोनी से पहले भारतीय टीम में साल 2004 सितम्बर में जगह बनाई थी। जबकि धोनी को तीन महीने बाद टीम इंडिया में जगह मिली थी। जिसके बाद धोनी ने कार्तिक को रिप्लेस करते हुए टीम इंडिया में जगह पक्की कर ली और उसके बाद उन्होंने जो किया वह इतिहास बन गया।
जबकि कार्तिक का करियर मौके के इन्तजार और धोनी की अनुपस्थिति में ही आगे बढ़ पाया है। इस दौरान उन्होंने टीम इंडिया में कई बार वापसी की है, लेकिन धोनी की वजह से उन्हें अंतिम 11 में खेलने का मौका नहीं मिला है।
बांग्लादेश के खिलाफ निदहास ट्रॉफी में कार्तिक ने 8 गेंदों में 29 रन बनाये और एक छक्के ने उनकी किस्मत को बदल कर रख दिया है। आज उन्हें टीम इंडिया में धोनी का अच्छा विकल्प माना जाने लगा है।